वायनाड में लैंडस्लाइड- अब तक 276 मौतें:सेना बोली- रेस्क्यू खत्म, शव खोजने का काम जारी; राहुल-प्रियंका पहुंचे, पीड़ितों से मिलेंगे..!!
वायनाड
वायनाड में सोमवार देर रात 2 बजे के बाद 4 घंटे के अंदर 4 लैंडस्लाइड हुईं। यहां मलबे में से डेडबॉडी निकालने का काम तीसरे दिन भी जारी है। राहुल और प्रियंका भी केरल पहुंच गए हैं।
केरल के वायनाड में तेज बारिश के बाद लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 276 हो गई हैं। 130 लोग अस्पताल में हैं, जबकि 240 से ज्यादा लोग आज तीसरे दिन भी लापता हैं। मौसम विभाग ने आज (गुरुवार को) फिर से वायनाड में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। डिजास्टर मैनेजमेंट टीम ने फिर से कुछ जगहों पर लैंडस्लाइड का खतरा जताया है।
वहीं, आर्मी के जनरल कमांडर ऑफिसर मेजर जनरल वीटी मैथ्यू ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है। अब हम केवल शवों को खोजने का काम कर रहे हैं। अगर हमें घरों में कोई फंसा मिलेगा तो उसे निकालेंगे। बारिश के चलते काम में दिक्कत आ रही है। आर्मी के 5 टीमों और 3 डॉग्ज को यहां डिप्लॉय किया गया है। शाम को खतरे के चलते ऑपरेशन बंद कर देंगे।
इस बीच राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चूरलमाला पहुंचे हैं। लैंडस्लाइड से सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ है। यहां के बाद दोनों रिलीफ कैंप जाकर पीड़ितों से मिलेंगे। राहुल वायनाड और रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीते थे। उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी। अब प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ने वाली हैं।
वायनाड पहुंचे राहुल और प्रियंका की 3 तस्वीरें…
राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सुबह 9.30 बजे कन्नूर एयरपोर्ट पहुंचेा, जहां से वे बाय रोड वायनाड पहुंचे।
मेप्पाड़ी में सेना और NDRF ने अस्थायी पुल बनाया है। विजिट के दौरान राहुल-प्रियंका यहीं से लैंड स्लाइड प्रभावित इलाके में पहुंचे।
विजिट के दौरान दोनों ने लैंड स्लाइड प्रभावितों से बात की। चूरलमाला और मेप्पाडी में एक अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मॉर्चुरी भी पहुंचे।
घटनास्थल को मैप से समझें…
लैंडस्लाइड सोमवार देर रात करीब 2 बजे और मंगलवार सुबह 4 बजे के बीच मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में हुई थीं। इनमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं थीं।
बुधवार देर रात तक 1592 लोगों का रेस्क्यू किया गया, 3 हजार लोगों को राहत शिविर में भेजा गया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में बताया- 23-24 जुलाई को ही केरल सरकार को अलर्ट किया गया था, सरकार समय रहते लोगों को हटाती तो इतना नुकसान नहीं होता।
इस पर केरल CM विजयन ने कहा- जब ऐसा कुछ होता है, तो आप दूसरों पर दोष मढ़कर जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। IMD ने त्रासदी से पहले एक बार भी रेड अलर्ट जारी नहीं किया। सीएम ने गुरुवार को कोझिकोड से वायनाड तक हवाई दौरा करके हालातों का जायजा लिया। इसके बाद वह वायनाड के कलपेट्टा में सिविल स्टेशन पहुंचे। उन्होंने सर्वदलीय बैठक की। वह अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे।
केरल विधानसभा के स्पीकर एएन शमसीर भी पीड़ितों का हाल जानने मेप्पडी के हेल्थ सेंटर पहुंचे है। यहां 90 शव रखे हुए है।
पिछले 24 घंटे के अपडेट्स…
वायनाड कलेक्टर ने लोगों से घरों को छोड़ने को कहा
वायनाड कलेक्टर डीआर मेगाश्री ने भारी बारिश और लैंडस्लाइड की आशंका के बीच कुरुम्बालाकोट्टा, लाकिती मणिकुन्नु माला, मुत्तिल कोलपारा कॉलोनी, कपिकालम, सुधांगिरी और पोशुथाना इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने घरों को छोड़ने को कहा है। इससे पहले बुधवार को लोगों से लैंडस्लाइड वाले इलाकों से दूरी बनाने की वॉर्निंग दी गई।
AIADMK ने 1 करोड़ रुपए का रिलीफ पैकेज की घोषणा की
तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी AIADMK ने बुधवार को वायनाड के पीड़ितों के लिए 1 करोड़ रुपए रिलीफ पैकेज देने की घोषणा की है। पार्टी के जनरल सेक्रेटरी और पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा कि 1 करोड़ रुपए के अलावा हम पड़ोसी राज्यों को रिलीफ मटेरियल भी भेजेंगे।
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना ने ब्रिज बनाया
सेना मुंडक्कई को चूरलमाला से जोड़ने के लिए 85 फीट लंबा बैली ब्रिज बना रही है। यह बनकर आज तैयार हो जाएगा। ब्रिज बनाने के लिए दिल्ली और बेंगलुरु से सामान लाया गया है। यह ब्रिज 24 टन का वजन झेल सकता है। ब्रिज के बनने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आएगी, क्योंकि ब्रिज से भारी मशीने घटनास्थल तक पहुंच सकेगी।
पश्चिम बंगाल गवर्नर वायनाड पहुंचे
पश्चिम बंगाल के गवर्नर भी बुधवार को वायनाड पहुंचे। उन्होंने वायनाड में पीड़ितों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री विजयन से चर्चा कर रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर जानकारी ली। इसके अलावा वे रिलीफ कैंप्स, अस्पताल और मॉर्चुरी पहुंचे।
सेना ने दो रिसॉर्ट से 19 टूरिस्ट को बचाया
सेना ने मुंडक्कई गांव के बाहर स्थित इला रिसॉर्ट और वाना रानी रिसॉर्ट में फंसे 19 टूरिस्ट को बुधवार को निकाला। ये घटना के बाद से यहीं फंसे हुए थे। डिफेंस PRO के मुताबिक, 122 इन्फैंट्री बटालियन (TA) मद्रास के जवानों ने रस्सियों के सहारे सभी नागरिकों को चूरलमाला तक सुरक्षित निकालने के लिए एक मानव पुल बनाया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें…खबरें
तस्वीर वायनाड के चूरलमाला की है। आर्मी और NDRF नदी से गुजरने के लिए पुल बना रही है।
मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए JCB मशीनों से उखड़े हुए पेड़ों को हटाया जा रहा है।
केरल में बुधवार को भी तेज बारिश हुई। इस कारण चूरलमाला में नदी का जलस्तर बढ़ गया। रेस्क्यू के लिए NDRF ने अस्थायी पुल से लोगों को एक दूसरे से दूसरे जगह पहुंचाया।
तस्वीर वायनात के चूरलमाला की है। यहां एक शख्स NDRF को अपने लापता परिजनों की तस्वीर दिखाकर उनकी जानकारी ले रहा था।
आर्मी के 122 INF मद्रास बटालियन के जवानों ने बुधवार को रेस्क्यू कई लोगों को रेस्क्यू किया।
सेना ने नदी पर अस्थायी पुल का निर्माण कर रही है। इसके पूरे होने पर नदी के दूसरे पार JCB मशीनें मलबा हटाने के लिए जा पाएंगी।
मलबे के नीचे दबे शवों को निकालने का काम NDRF और आर्मी मिलकर कर रही है।
लैंडस्लाइड से पहाड़ की मिट्टी और मलबे में घर का लगभग पूरा हिस्सा जमींदोज हो गया।
सेना ने नदी पर अस्थायी पुल का निर्माण किया। इसके जरिए फंसे हुए लोगों को निकाला गया।
सेना अपने हेलिकॉप्टर से लैंडस्लाइड में फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है।
मलबे से महिला, बच्चों को निकालती रेस्क्यू टीम। ऑपरेशन आज भी जारी है।
जहां पैदल पहुंचना मुश्किल हो रहा, वहां केबल के जरिए घायलों को निकाला जा रहा है।
रेस्क्यू टीम लाशों को निकालकर केबल के सहारे नदी के पार पहुंचा रही है।
वायनाड के जिला अस्पताल में अपनों के शव लेने के लिए परिजनों की लाइन लगी हुई है।
5 साल पहले भी यहां लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुई थीं
वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।
वायनाड में लैंडस्लाइड की क्या वजह है
वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है। वायनाड की 51% जमीन पहाड़ी ढलाने हैं। यानी लैंडस्लाइड की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है।
वायनाड का पठार वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है। वायनाड में काबिनी नदी है। इसकी सहायक नदी मनंतावडी ‘थोंडारमुडी’ चोटी से निकलती है। लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।
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