सुहागिन महिलाओं का पर्व करवा चौथ रविवार को है, यह कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा ने बताया कि चंद्रोदय का समय रात करीब 8:18 बजे है। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 5:50 से 7:28 तक है।
ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने से राशि में चंद्रमा बलवान होता है और उससे मानसिक ऊर्जा प्राप्त होती है। दांपत्य जीवन में प्रेम और विश्वास का विकास होता है।
पूजा की विधि…
एक चौकी पर शुद्ध और कच्ची पीली मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा बनाकर लाल कपड़े पर स्थापित करते हैं। ज्योतिषाचार्य अनीता पाराशर ने बताया कि करवा चौथ में चौथ माता और चंद्र देवता की भी पूजा साथ ही की जाती है।
माता पार्वती को लाल चुनरी, सिंदूर, बिंदी व सुहाग का सभी सामान अर्पित करते हैं। भगवान शिव एवं गणेश जी को भी चंदन अक्षत पुष्पमाला आदि अर्पित करें। पूड़ी, लड्डू, मेवा, हलवा आदि का भोग अर्पित करें। करवा चौथ की कहानी पढ़ें। आरती करें। घर के बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें और चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।
राशि के अनुसार करें शृंगार…
ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि इस दिन राशि के अनुसार भी शृंगार किया जा सकता है।
- मेष और वृश्चिक राशि वाली महिलाएं विशेष रूप से लाल रंग के परिधान धारण कर सकती हैं।
- वृष एवं तुला राशि वाली महिलाएं गुलाबी एवं चमकीले रंगों के वस्त्र धारण कर सकती हैं।
- मिथुन एवं कन्या राशि वाली महिलाएं हरी चूड़ियां, हरी साड़ी एवं हरे रंग के आभूषण पहन सकती हैं।
- कर्क राशि वाली स्त्रियों को पीली साड़ी, मोती की माला एवं चांदी के आभूषण धारण करना शुभ रहेगा।
- सिंह राशि वाली महिलाएं नारंगी रंग की साड़ी और शृंगार कर पूजन सकती हैं।
- धनु एवं मीन राशि वालों के लिए पीले रंग के वस्त्र एवं आभूषण धारण करना शुभ रहेगा।
- मकर एवं कुंभ राशि वाली महिलाओं को आंखों में काजल लगाना चाहिए।।।