
लंगड़ाकर चल रहे ये वही तीनों ”मोहम्मद शहवाज और मोहम्मद अरबाज और फैजल” वही दरिंदे हैं, जो अम्बेडकरनगर में पढ़ने वाली बेटी के साथ छेड़खानी करने का प्रयास कर रहे थे दुपट्टा खींच रहे थे जिसके कारण बेटी की मौत हो गई,,
उसका अंजाम उन्हें पता था. फिर भी उन्होंने जानबूझ कर बेटियों का दुपट्टा खींचकर कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दी थी।
ये भूल गए थे यूपी में अपराध करने वाले धरती पर हों, या पाताल में यूपी की पुलिस खोज निकालेगी।
घटना के बाद अम्बेडकरनगर की बेटियों को इंसाफ का इंतजार था। एक-एक पल बोझ बनता जा रहा था। बेटियां योगी सरकार की सामर्थ्य देखना चाहती थी। हुआ भी वही। पुलिस ने बेटी की जान लेने वाले तीनों हैवानों को 24 घंटे में खोज निकाला।
आज पुलिसिया कार्रवाई चल ही रही थी, तभी मेडिकल के दौरान भाग रहे आरोपियों को पकड़ने के लिए गोली चलाई, दो आरोपियों के पैर में लगी। वहीं तीसरे आरोपी का पैर भागने के दौरान टूट गया। साफ है जिन अपराधियों का अभी पाला योगी सरकार की पुलिस से नहीं पड़ा है। वो जान लें योगी सरकार एक बार तय कर लेती है तो छोड़ती नहीं।