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गोंडा : भगवान नहीं मिले, बिना लड्डू गोपाल के कैसे मनाई जाएगी जन्माष्टमी

परसपुर (गोंडा)। परसपुर रियासत स्थित ऐतिहासिक राज मंदिर से बीती 16 जुलाई की रात अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियां चोरी चली गईं। घटना को 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक न तो चोरों का कोई सुराग मिला है और न ही भगवान श्रीराम, लक्ष्मण व लड्डू गोपाल की वापसी की कोई उम्मीद नजर आ रही है। जन्माष्टमी जैसे बड़े पर्व से ठीक पहले मंदिर में भगवान का खाली सिंहासन श्रद्धालुओं की आंखें नम कर रहा है, वहीं पुलिस की विफलता पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। चोरों ने मंदिर के मुख्य द्वार का ताला तोड़कर भीतर प्रवेश किया और बिना किसी डर के लगभग डेढ़-डेढ़ फीट की श्रीराम, लक्ष्मण तथा करीब 12 इंच की लड्डू गोपाल की मूर्तियों को सिंहासन सहित उठा ले गए। यह पूरी घटना इतनी सफाई से अंजाम दी गई कि रियासत के किसी भी सदस्य को भनक तक नहीं लगी। तीनों मूर्तियों का वजन करीब 31 किलोग्राम बताया जा रहा है और कीमत करोड़ों में आंकी गई है। पुलिस ने अब तक दर्जनों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल डाली है और मुखबिरों को भी लगाया गया है। थानाध्यक्ष अनुज त्रिपाठी के अनुसार, पुलिस की कई टीमें विभिन्न जिलों में सक्रिय हैं और पूर्व की घटनाओं के आरोपितों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है, लेकिन अब तक हाथ खाली हैं। परसपुर रियासत के संरक्षक कुंवर विजय बहादुर सिंह बच्चा साहब ने इस घटना को रियासत की अस्मिता पर आघात बताते हुए कहा कि राज मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व वर्षों से भव्यता के साथ मनाया जाता रहा है, लेकिन इस बार भगवान ही नहीं हैं। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र खुलासे की मांग करते हुए कहा कि यदि समय रहते मूर्तियां नहीं मिलीं तो श्रद्धालुओं की भावनाएं गहरी ठेस खाएंगी। जन्माष्टमी महज पर्व नहीं, आस्था का उत्सव है, और जब लड्डू गोपाल ही नहीं होंगे, तो आरती, झूला, भोग व उत्सव की कल्पना अधूरी रह जाएगी। राज मंदिर सिर्फ ईंट और पत्थर नहीं, यह परसपुर की पहचान है और भगवान की अनुपस्थिति पूरे कस्बे के दिल पर भारी पड़ रही है।

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