गोंडा : अवैध वेंडरों के आतंक से बेहाल गोण्डा जंक्शन, रेल प्रशासन बेबस, जीआरपी-आरपीएफ पर संरक्षण देने के आरोप

गोण्डा : पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत आने वाला गोण्डा जंक्शन रेलवे स्टेशन अवैध वेंडरों की मनमानी का अड्डा बनता जा रहा है। स्टेशन पर बगैर अनुमति के खाद्य सामग्री बेचने वाले इन वेंडरों का दबदबा इतना बढ़ गया है कि न सिर्फ यात्रियों को असुविधा हो रही है, बल्कि उनकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। आरोप है कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से ये वेंडर प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में धड़ल्ले से कारोबार कर रहे हैं। मौके पर लिए गए वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर रुकती है, अवैध वेंडर बिना किसी रोक-टोक के डिब्बों में चढ़ जाते हैं और यात्रियों को जबरन खाद्य सामग्री बेचते हैं। यात्रियों के अनुसार, रेलवे द्वारा निर्धारित दरों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। जहां रेलवे की गाइडलाइन के अनुसार ₹15 में पूरी-सब्जी-अचार दिया जाना चाहिए, वहां ₹40 में बासी छोले-भटूरे बेचे जा रहे हैं। वहीं ₹15 के रेलनीर की जगह ₹20 में घटिया लोकल पानी की बोतलें यात्रियों को थमाई जा रही हैं। विरोध करने पर मारपीट और अभद्रता जैसी घटनाएं आम हो गई हैं।
भाजपा नेता एवं पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्रीय परामर्शदात्री समिति के सदस्य पंकज कुमार श्रीवास्तव ने इस संबंध में महाप्रबंधक से शिकायत कर अवैध वेंडरों पर रोक लगाने की मांग की है। उनका आरोप है कि स्टेशन पर सैकड़ों अवैध वेंडर सक्रिय हैं, जिन्हें कुछ रेलवे कर्मियों व पुलिसकर्मियों का संरक्षण प्राप्त है। इससे यात्रियों को न तो गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल पा रहा है और न ही सुरक्षित यात्रा का भरोसा सूत्रों के मुताबिक जीआरपी और आरपीएफ के कुछ कर्मी प्रत्येक अवैध वेंडर से प्रतिदिन ₹400 से ₹500 की अवैध वसूली करते हैं। जब समय पर पैसा नहीं दिया जाता, तो वेंडरों का चालान कर दिया जाता है। इसी अवैध लेन-देन के कारण ये वेंडर मनमाने ढंग से ट्रेनों में चढ़ते-उतरते हैं और प्लेटफॉर्म पर भीड़भाड़ और अव्यवस्था फैलाते हैं।
बताया जा रहा है कि यह गतिविधि गोण्डा कचहरी स्टेशन के आउटर सिग्नल क्षेत्र तक फैली हुई है, जहां ये वेंडर चलती ट्रेनों में भी चढ़-उतर जाते हैं। पंकज श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही रेलवे और सिविल प्रशासन की ओर से इन वेंडरों और उनके संरक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई, तो वे रेलवे बोर्ड अध्यक्ष व जीआरपी के पुलिस महानिरीक्षक से मिलकर कठोर कदम उठाएंगे।