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कर्मचारी कर रहे थे वेतन बढ़ाने की मांग उल्टे नौकरी से ही निकल गए…..

कर्मचारी कर रहे थे वेतन बढ़ाने की मांग उल्टे नौकरी से ही निकल गए

अमानीगंज -अयोध्या

मात्र ₹9000 मासिक वेतन पर जाड़ा,गर्मी,बरसात में दिन-रात सेवा करके लोगों के घरों में विद्युत आपूर्ति पहुंचा रहे विद्युत संविदा कर्मियों की अरसे से चली आ रही मांगों जैसे कि वेतन बढ़ाने के साथ नौकरी को पक्की करना, समान कार्य के बदले समान वेतन देना आदि मांगों को दूर करने के बजाय प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री ने एक झटके में प्रदेश भर के विद्युत संविदा कर्मियों में से 35 परसेंट को नौकरी से ही निकाल दिया , सरकार के प्रबंधकों को इतनी समझ भी नहीं है कि जिस हिसाब से आबादी बढ़ती जा रही है तथा विद्युत कनेक्शन संख्या बढ़ती जा रही है। उसी हिसाब से कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी, उल्टे उसके स्थान पर केवल अयोध्या जनपद से ही 940 संविदा कर्मियों की नौकरी एक झटके में समाप्त कर दी गई। सरकार के उच्चतम स्तर पर बैठे अधिकारियों को क्या इतनी भी समझ नहीं है, की इसी भाजपा सरकार का यह भी प्रिय नारा है कि सभी हाथों को काम देंगे, बेरोजगारों को रोजगार देंगे। इसके उलट नौकरी से ही निकाल कर कौन रोजगार उपलब्ध कराएंगे यह समझ से परे है। लगभग मनरेगा मजदूर के बराबर वेतन पा रहे विद्युत मजदूर संघ के कर्मचारियों को जो की मात्र₹9000 में अपने बच्चों की परवरिश कर रहे हैं उसी में ऑफिस आने-जाने का पेट्रोल भाड़ा भी शामिल है, वह कैसे अपना बसर कर रहे हैं, शायद यह सरकार में बैठे लोगों को समझ में ही नहीं आ रहा है की निकाले गये कर्मियों के परिवरीजन कल से क्या करेंगे, यही विद्युत कर्मी रातों दिन खतरे से भरी नौकरी के लिए अपने जवानी के सर्वश्रेष्ठ 10 से 15 वर्ष विभाग को दे चुके हैं बावजूद इसके, इनके अनुभवों को भी अन्देखा करते हुए इन्हें उनकी सेवा से वंचित कर दिया गया, अब विद्युत आपूर्ति के बुरे दिन आने वाले हैं क्योंकि जब ज्यादा मजदूरों से भी विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं चलती थी तो लगभग आधे मजदूरों को निकलने से भविष्य में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था निश्चित रूप से चरमराएगी।

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