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प्रदेश के सभी विद्यालयों में बिजली कनेक्शन लगेगा

प्रदेश के 14,630 प्राइमरी स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं 

123 स्कूल ऐसे जहां खंभों की दूरी चार से पांच किमी तक हैे

तीन हजार स्कूल दूर दराज के इलाकों में

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। राज्य सरकार अगले दो माह में प्रदेश के सभी विद्यालयों में बिजली पहुंचाएगी। सरकार ने इसके लिए दिसम्बर के अन्त तक सभी स्कूलों के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है ताकि अगले वर्ष मार्च तक प्रदेश के हर स्कूल में स्मार्ट क्लास शुरू किया जा सके। बिना बिजली वाले स्कूलों का युद्ध स्तर पर विद्युत कनेक्शन हो इस बाबत पावर कारपोरेशन लिमिटेड, समग्र शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा विभाग एक साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाएंगे।वर्तमान में प्रदेश में कुल 14,630 प्राइमरी स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। इसका नतीजा यह है कि सैकड़ों स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू नहीं हो सके हैं जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रत्येक विद्यालय में स्मार्ट क्लास होना अनिवार्य है। सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में अक्षरश लागू करने का मन बना चुकी है। ‘झटपट’ पोर्टल तैयार किया गया है जिस पर स्कूलों की ओर से बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन को तत्काल संज्ञान में लिए जाने की व्यवस्था की गई है ताकि जल्द से जल्द बिना बिजली कनेक्शन वाले स्कूलों में बिजली की आपूर्ति शुरू हो सके।ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से इसके लिए धन की व्यवस्था कर दी गई है। ग्रामीण क्षेत्र विशेष कर दूर-दराज के स्कूलों में बिजली के पोल से स्कूलों की (40 मीटर से) अधिक दूरी होने की दशा में बिजली के खम्भों की तत्काल अतिरिक्त व्यवस्था के लिए भी पावर कारपोरेशन से अनुरोध किया गया है।

पंखे, लाइट लग गए पर बिजली कनेक्शन नहीं

प्रदेश के दो हजार से अधिक विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम कक्षाओं में पंखे और ट्यूब लाइट्स एवं बल्व आदि लग गये हैं लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं हो सका है। इसके कई तकनीकी कारण बताये जा रहे हैं मसलन कहीं खम्भे की दूरी अत्यधिक है तो कहीं खम्भों की वायरिंग बाकी है आदि आदि। सरकार ने विद्युत विभाग को तत्काल इस समस्याओं को दूर करने की हिदायत दी है।

स्कूल में रील बना सुर्खियों में आईं चार शिक्षिकाएं 

गजरौला (अमरोहा), संवाददाता। ब्लाक क्षेत्र के गांव खुंगावली में संचालित संविलियन विद्यालय की चार शिक्षिकाओं की रील इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। सुर्खियों में आई चारों शिक्षिकाओं पर छात्र-छात्राओं ने उनकी पोस्ट लाइक व चैनल सब्सक्राइब नहीं करने पर पिटाई का भी आरोप लगाया है। डीएम स्तर पर हुई शिकायत के बाद अब बीएसए ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है।विद्यालय में तैनात शिक्षिका पूजा रवि, अंबिका गोयल, पूनम व नीतू कश्यप स्कूल परिसर में मनोरंजक रील बनाती हैं। इसके चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। अधिकांश रील में चारों शिक्षिकाएं फिल्मी गानों पर डांस करती नजर आती हैं। सभी रील स्कूल में बनाए जाने की बात सामने आ रही है। कुछ वीडियो में स्कूल भी नजर आ रहा है। छात्र-छात्राओं का आरोप है कि शिक्षिकाएं उन्हें पढ़ाने से दूर अधिकांश समय रील बनाने में ही गुजार देती हैं। इसके बाद रील को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब चैनल व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल कर लाइक व कमेंट करने का दबाव बनाया जाता है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर चैनल व पेज को सब्सक्राइब नहीं करने वाले छात्र-छात्राओं की पिटाई भी की जाती है। परेशान छात्र-छात्राओं के अभिभावक डालचंद, शिव कुमार, सोमपाल, रमेश आदि ने इस बाबत डीएम स्तर पर शिकायत दर्ज कराते हुए निष्पक्ष जांच व कार्रवाई करने की मांग की। जिसके बाद अब मामले में जांच बैठा दी गई है।शिक्षधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस बावत शिक्षिका पूजा रवि का कहना है कि वह नृत्य शिक्षिका हैं। डांस के रील बनाकर छात्र-छात्राओं को भी इस ओर प्रशिक्षित एवं प्रेरित करने का उनका प्रयास रहता है। खुद पर लगाए गए आरोपों को उन्होंने निराधार बताते हुए कहा कि सभी वीडियो स्कूल समय के बाद ही बनाई गई हैं।

बीस दिन बाद स्कूल आए छात्र की पिटाई 

आजमगढ़। कंधरापुर थाना क्षेत्र के सेहदा स्थित श्री दुर्गाजी इंटर कॉलेज में छात्र को जमकर पीटने और धूप में खड़ा कराने के मामले में पुलिस ने प्रधानाचार्य और उपप्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कंधरापुर थाना क्षेत्र के करनेहुआ गांव निवासी अखिलेश के मुताबिक, उसका पुत्र अभिषेक (15) सेहदा स्थित श्री दुर्गाजी इंटर कॉलेज में 10वीं का छात्र है। बीस दिन पहले उसकी आंख में समस्या आ गई। जिसके कारण वह स्कूल नहीं जा पा रहा था। उसका डॉक्टर के यहां इलाज कराया जा रहा था। आराम मिलने के बाद मंगलवार को वह स्कूल गया। इस दौरान प्रधानाचार्य कृष्णा यादव व उपप्रधानचार्य अजीत यादव ने उससे स्कूल न आने का कारण पूछा।अभिषेक ने आंख में परेशानी होने से स्कूल न आने की बात कही। जिससे नाराज होकर दोनों जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसे कमरे में ले गए और जमकर पीटा।इसके बाद उसे कड़ी धूप में खड़ा कराया। जिससे वह बेहोश हो गया। सूचना मिलने पर परिजन विद्यालय पहुंचे। इसके बाद अभिषेक को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार को अखिलेश ने इस मामले में प्रधानचार्य व उपप्रधानाचार्य के विरुद्ध तहरीर दी। कंधरापुर थानाध्यक्ष ब्रह्मदीन पांडेय ने बताया कि पिता की तहरीर पर दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

अश्लील बातें करने पर इंस्पेक्टर सस्पेंड 

संभल/गुन्नौर। संभल में खाकी को शर्मसार करने का एक मामला सामने आया है। गुन्नौर कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने जांच के नाम पर दुष्कर्म पीड़िता से फोन पर अश्लील बातें की। पीड़िता के भाई ने फोन पर की गई बातों को रिकॉर्ड कर लिया। परिजनों ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र और ऑडियो रिकार्डिंग सौंपकर कार्रवाई की मांग की। एसपी ने इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है। थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी से चार महीने पहले सामूहिक दुष्कर्म हुआ था।थाने के क्राइम इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने कई बार किशोरी को फोन किया और उससे मेडिकल के बारे में अश्लील बातें की। जब इंस्पेक्टर आए दिन पीड़िता को परेशान करने लगा। तो पीड़िता के भाई ने इंस्पेक्टर की करतूत को मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह गुनावत को शिकायती पत्र और रिकॉर्ड की गई ऑडियो देखकर कार्रवाई की मांग उठाई।पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह ने इंस्पेक्टर अशोक कुमार को निलंबित कर दिया है और अपर पुलिस अधीक्षक श्रीचंद्र को जांच सौंपी है।

स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश का आखिरी मौका आज
 
प्रयागराज, संवाददाता । इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शैक्षिक सत्र 2023-24 में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले का आखिरी मौका शुक्रवार तक है। इस साल स्नातक में प्रवेश की अंतिम तिथि 29 सितंबर है। इसके बाद प्रवेश के लिए तिथि बढ़ाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन विचार नहीं करेगा। हलांकि नए सत्र में शुरू हो रहे पांच इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तिथि अभी तय नहीं की गई है।फाइव ईयर बीएससी-एमएससी फैमिली एंड कम्युनिटी साइंस में दाखिले के लिए नया कटऑफ जारी कर दिया गया है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी शुक्रवार से ऑनलाइन काउंसिलिंग करा सकेंगे। कटऑफ के अनुसार बीएससी-एमएससी फैमिली एंड कम्युनिटी साइंस में अनारक्षित 187.04, ओबीसी 121.78, एससी 70.16, एसटी 113.32, ईडब्ल्यूएस 133.51 या इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी शुक्रवार से काउंसिलिंग में शामिल हो सकेंगे। प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. जेके पति ने बताया कि 29 सितंबर के बाद स्नातक में प्रवेश नहीं होगा। संभावना जताया कि एक नवंबर से स्नातक के नव प्रवेशियों की कक्षांए प्रारंभ हो जाएंगी। वहीं, फाइव ईयर बीसीए-एमसीए (डाटा साइंस), फाइव ईयर इंटीग्रेटेड कोर्स इन अपदा प्रबंधन और पर्यावरण अध्ययन, फाइव ईयर इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन फैमिली एंड कम्युनिटी साइंस, फाइव ईयर इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (बीबीए-एमबीए), और एमससी-पीएचडी इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन कांग्नेटिव साइंस में अभी प्रवेश होगा। इसके लिए अंतिम तिथि तय नहीं की गई है। क्योंकि इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश विलंब से शुरू हुए हैं।

विश्वविद्यालय ने बीएफए का नया कटऑफ जारी किया

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीएफए में दाखिले को नया कटऑफ जारी कर दिया गया है। बीएफए में अनारक्षित 384.69, एससी 214.45, ईडब्ल्यूएस 135.17 या इससे अधिक अंक वाले। बीवोक सॉफ्टवेयर में अनारक्षित 335, ओबीसी 100 या इससे अधिक, एससी 45, एसटी 50 या इससे अधिक। फाइव ईयर बीसीए-एमसीए में ओबीसी 268, ईडब्ल्यूएस 270 या इससे अधिक अंक वाले शुक्रवार से काउंसिलिंग में शामिल हो सकेंगे।

नीट की 11 सीटें खाली रखने का दिया आदेश

कोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से हलफनामा मांगा 

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व नीट आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से पूछा है कि जब निजी मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण लागू नहीं है तो एमबीबीएस/बीडीएस कोर्स में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से कम अंक पाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रवेश कैसे दे दिया गया है। कोर्ट ने इस संदर्भ में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं डायरेक्टर से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और वैकेंसी की 11 सीटें खाली रखने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई चार अक्तूबर को होगी।यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने तनु कुमारी व 10 अन्य की याचिका पर अधिवक्ता निपुन सिंह, अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी, सीएससी बिपिन बिहारी पांडेय, एएसजीआई शशि प्रकाश सिंह और एडवोकेट अयंक मिश्र को सुनकर दिया है। याचियों का कहना है कि वे नीट 2023 में बैठे लेकिन उन्हें काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया गया। उन्हें मापअप काउंसिलिंग में भी बैठने नहीं दिया गया। ऑनलाइन आवेदन करते समय ही उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। हाईकोर्ट ने जब नीट की गाइडलाइन के संबंध में पूछा तो बताया गया राजकीय मेडिकल कॉलेजों में केवल प्रदेश के अभ्यर्थियों को ही आरक्षण नियमों के तहत प्रवेश की अनुमति है। इनमें ऐसे अभ्यर्थी शामिल हैं, जिन्होंने हाईस्कूल व इंटर उत्तर प्रदेश से उत्तीर्ण किया हो। प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थी केवल निजी मेडिकल कॉलेजों में ही प्रवेश ले सकते हैं लेकिन वहां आरक्षण लागू नहीं है। याची दूसरे प्रदेशों के अभ्यर्थी हैं। पिछले सत्र में प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि जो तथ्य दिशा निर्देश के माध्यम से पेश किए गए हैं, वे आपस में परस्पर विरोधी हैं। एक तरफ तो वे मान रहे हैं कि यूपी में निजी मेडिकल/डेंटल कॉलेजों में कोई आरक्षण नहीं है और सीटें अनारक्षित हैं और दूसरी ओर, सरकारी आदेश का सहारा ले रहे हैं, जिसमें यह दावा किया गया है कि भारत सरकार ने एनआईआईटी (यूजी) -2023 में ओबीसी/एससी अभ्यर्थियों के लिए अंकों की न्यूनतम कट ऑफ 107 निर्धारित किया है। कोर्ट ने कहा कि इस आधार पर अपने कदम को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं कि ये अभ्यर्थी यूपी राज्य के मूल निवासी हैं और वे ओबीसी/एससी वर्ग से संबंधित हैं। जब निजी मेडिकल कॉलेजों में कोई आरक्षण नहीं है, तो याचियों की तुलना में बहुत कम अंक वाले छात्रों को निजी मेडिकल कॉलेजों में कैसे प्रवेश दिया जा सकता है। रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि कुछ विशेषाधिकार प्राप्त और अत्यधिक संपर्क वाले अभ्यर्थियों को पिछले दरवाजे से प्रवेश दिया गया है। अगली तारीख पर प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य और शिक्षा, उत्तर प्रदेश को इस बात का व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है कि ओबीसी/एससी अभ्यर्थियों को कैसे अंक प्राप्त होंगे। 120, 114 और 125 में से निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिया गया, जिसमें आरक्षण लागू नहीं है और उत्तर प्रदेश राज्य के बाहर के जिन अभ्यर्थियों के पास याचियों की तुलना में अधिक अंक हैं, उन्हें भाग लेने की अनुमति नहीं देने का क्या कारण था।

बीटेक आईटी के छह छात्रों को 84 लाख का पैकेज 

प्रयागराज, संवाददाता । कैम्पस चयन के मामले में ट्रिपलआईटी के मेधावी उम्दा प्रदर्शन करते हुए सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं। संस्थान के बीटेक इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) के छह छात्रों का 84 लाख रुपये वार्षिक पैकेज पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों में चयन हुआ है। वहीं, एमटेक में सर्वाधिक 62 लाख रुपये वार्षिक का पैकेज रहा। पिछले साल औसत पैकेज 32 लाख रहा है। इस बार यह 34 लाख रुपये है जो पिछले शैक्षिक सत्र की तुलना औसतन दो लाख रुपये अधिक है।संस्थान के निदेशक प्रो. मुकुल सुतावने ने बताया कि इस बार संस्थान में 92 फीसदी छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है। प्लेसमेंट के लिए देश-विदेश की 102 नामी कंपनियों ने संस्थान में हिस्सा लिया था। इसमें बीटेक में सर्वाधिक 84 लाख वार्षिक पैकेज, एमटेक में 62 लाख सर्वाधिक पैकेज पर छात्रों का चयन हुआ है। संस्थान का औसतन पैकेज 34 लाख रुपये रहा है।

पिछले साल एमटेक में 65 लाख रहा था सर्वाधिक पैकेज

पिछले शैक्षिक सत्र की बात करें तो बीटेक में 92 फीसदी छात्रों को प्लेसमेंट मिला था। वहीं, एमटेक आईटी ब्रांच के एक छात्र को 65 लाख रुपये का पैकेज मिला था। लेकिन इस बार 62 लाख ही सर्वाधिक पैकेज है।

कॉलेजों में 72 शोध प्रस्तावों को शासन की मंजूरी 

प्रयागराज, संवाददाता। सूबे के राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 72 शोध प्रस्तावों को शासन ने मंजूरी दी है। रिसर्च एंड डेवपलमेंट के तहत शासन ने इसके लिए चार करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह धनराशि उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से महाविद्यालयों को वितरित की जाएगी।महाविद्यालयों में शोध को बढ़ावा देने के लिए पिछले दिनों शासन की ओर से प्रस्ताव मांगे गए थे। प्रदेश के राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के तकरीबन डेढ़ सौ शिक्षकों के शोध प्रस्ताव शासन को भेजे गए थे। इनमें से 72 शिक्षकों के शोध प्रस्तावों को हरी झंडी मिली है और इनके लिए चार करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इनमें 20 शोध प्रस्ताव राजकीय महाविद्यालयों और 52 प्रस्ताव अशासकीय महाविद्यालयों के हैं। प्रत्येक शोध पर छह से आठ लाख रुपये का खर्च प्रस्तावित है।

हरित क्रांति के जनक का निधन

चेन्नई, एजेंसी। देश की हरित क्रांति में अहम योगदान देने वाले प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का गुरुवार को निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे। स्वामीनाथन ने 60 और 70 के दशक में देश को कृषि उपज के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था। वह 2007 से 2013 तक राज्यसभा के सदस्य रहे।स्वामीनाथन का कुछ वक्त से उम्र संबंधी बीमारियों के लिए इलाज चल रहा था। उन्होंने अपने आवास पर गुरुवार सुबह सवा 11 बजे अंतिम सांस ली। उनके परिवार में तीन बेटियां हैं। उनकी एक बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक हैं। सात अगस्त, 1925 को तमिलनाडु में जन्मे स्वामीनाथन खाद्य सुरक्षा और कृषि से जुड़ी हर पहल का हिस्सा थे। उन्होंने पोषण सुरक्षा के लिए मोटे अनाज पर ध्यान केंद्रित करने में अहम योगदान दिया। उन्हें दुनियाभर के विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की 84 मानद डिग्री प्राप्त हुई थीं।

अनाज संकट दूर किया

स्वामीनाथन ने 1943 में बंगाल में भीषण अकाल में भूख के कारण लाखों लोगों की मौत देखी और दुनिया से भूख मिटाने के लिए कृषि की पढ़ाई करने का निश्चय किया। उन्होंने दो स्नातक डिग्रियां हासिल कीं, जिनमें से एक कृषि महाविद्यालय, कोयंबटूर से थी। 1947 में वह अनुवांशिकी और पादप प्रजनन की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान आ गए। उन्होंने 1949 में साइटोजेनेटिक्स में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।

नोबेल विजेता बोरलॉग संग किया काम

स्वामीनाथन उच्च उपज देने वाली गेहूं की किस्मों को विकसित करने पर प्रसिद्ध अमेरिकी कृषि वैज्ञानिक और 1970 के नोबेल पुरस्कार विजेता नॉर्मन बोरलॉग के साथ मिलकर काम किया।

शिक्षा पर भारत-नेपाल में कई समझौते

लखनऊ। कार्यालय संवाददाता:लखनऊ विश्वविद्यालय का एक दल नेपाल रवाना हुआ। शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण और समन्वय की नीति के तहत कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के नेतृत्व में रवाना हुआ दल पड़ोसी देश नेपाल के शैक्षिक और शोध परितंत्र का अध्ययन करने और विभिन्न संस्थानों के साथ एमओयू करेगा।कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वैश्विक संभावनाएं हैं। इसे विश्व पटल पर रखने की आवश्यकता है। अब जरूरत है इसके आदर्शों और मंतव्य को वर्तमान वैश्विक परिवेश में वैश्विक साझेदारों एवं अन्य पक्षों के साथ संवाद किया जाए। यह प्रतिनिधि मंडल नेपाल में मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर अध्ययन करेगा। नेपाल और भारत के बीच व्यापक और सकारात्मक शैक्षिक आदान प्रदान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा नीति के रूप में चर्चा परिचर्चा में लाना और चुनिंदा उत्कृष्ट शैक्षिक संस्थाओं के साथ अकादमिक, सांस्कृतिक संवाद और आवश्यकतानुसार समझौता ज्ञापन स्थापित करना । प्रतिनिधि मंडल में प्रो. गीतांजलि मिश्र, प्रो. आर पी सिंह, प्रो. अवधेश त्रिपाठी, डॉ. केया पाण्डेय, प्रो. सतेंद्र पाल सिंह और हिमानी चौधरी शामिल

200 शिक्षकों का चयन वेतनमान सालभर से लटका

हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ:प्राइमरी स्कूलों के करीब 200 शिक्षकों के चयन वेतनमान की पत्रावली लम्बे समय से बीएसए कार्यालय में लंबित हैं। 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को चयन वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिक्षक संगठन कई बार बीएसए कार्यालय में कई धरना दे चुके हैं। शिक्षकों को सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।मोहनलालगंज, सरोजनीनगर, बीकेटी, चिनहट और माल समेत दूसरे ब्लॉक, नगर क्षेत्र के 200 से अधिक शिक्षक दस साल की सेवा पूरी कर चुके हैं। इनके चयन वेतनमान की पत्रावली बीईओ कार्यालय से मंजूर होकर बीएसए कार्यालय भेजी जा चुकी हैं। कई शिक्षकों की पत्रावली छह माह से एक साल से बीएसए कार्यालय में लंबित हैं, लेकिन इनका चयन वेतनमान नहीं लग पाया है। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष विनय सिंह का कहना है कि चयन वेतनमान न लगने से शिक्षक परेशान हैं। बीएसए को तत्काल निर्णय लेना चाहिए। बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि जिन शिक्षकों का समय पूरा हो गया, उनकी पत्रावली की जांच कर चयन वेतनमान लगाया जा रहा है।

शिक्षिकाओं को शिक्षण के अलावा दूसरा कार्य न सौंपा जाय : रीता

प्रयागराज, संवाददाता।उप्र महिला शिक्षक संघ की ओर से गुरुवार को सिविल लाइंस स्थित एक होटल में निपुण भारत शैक्षिक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि बच्चों को ऐसी सहज भाषा में शिक्षा दीजिए, जिससे वे समझ सकें। हमें अपनी हिंदी भाषा पर गर्व होना चाहिए। हिंदी अभिव्यक्ति की भाषा है। क्लास में बच्चों को शब्दों का शुद्ध उच्चारण सिखाना चाहिए, जिससे बच्चे मंच पर अपनी प्रतिभा दिखा सकें। मैं चाहती हूं कि सरकार को प्राथमिक शिक्षिकाओं को शिक्षण के अलावा अन्य काम नहीं सौंपना चाहिए। जनगणना, चुनाव और अतिरिक्त कार्य युवा बेरोजगारों से कराया जाना चाहिए। महिलाओं ने संघर्ष ने मुझे शक्ति प्रदान की है। सभी शिक्षिकाओं को लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए।इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने ब्लॉकस्तरीय पदाधिकारियों को शपथ दिलायी। उन्होंने शिक्षिकाओं को प्राधिकार पत्र वितरित किया। संघ की जिला अध्यक्ष अनुरागिनी सिंह ने स्वागत संबोधन में शिक्षिकाओं की रचनात्मकता को सराहा और संगठन को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया। प्राथमिक विद्यालय बिगहिया की शिक्षिकाओं ने बालिकाओं की शिक्षा पर केंद्रित नुक्कड़ नाटक की प्रेरक प्रस्तुति की। शिक्षिका दीपाली विपला ने गीत ‘विमल इंदु की विशाल किरणें, प्रकाश तेरा बता रही हैं.. को प्रस्तुत का वाहवाही लूटी। साधना गुप्ता ने स्वागत गीत की प्रस्तुति की। धन्यवाद ज्ञापन जिला महामंत्री संगीता सिंह भदौरिया ने किया। इस मौके पर बीईओ अखिलेश सिंह, डॉ. स्मिता श्रीवास्तव, सुलोचना मौर्य, इंदु शर्मा, कविता त्रिपाठी, डॉ. मिनी अहोरी, आशा शर्मा, रितू सिंह, रीता कुशवाहा मौजूद रहीं।

कॉलेजों पर कार्रवाई करे यूजीसी:उच्च न्यायालय 

नई दिल्ली, प्र., सं। दिल्ली हाईकोर्ट ने अनिर्दिष्ट डिग्री प्रदान करने वाले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से कहा है।न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा एवं न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने यूजीसी निष्क्रियता को उजागर करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आदेश दिया है। याचिकाकर्ता राहुल महाजन ने याचिका के जरिए यूजीसी को यह निर्देश देने की मांग की कि सभी विश्वविद्यालयों और डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी, कॉलेजों और संस्थानों द्वारा यूजीसी द्वारा 5 जुलाई 2014 को जारी अधिसूचना और डिग्री नामकरण में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिसूचनाओं का अनुपालन सुनिश्चित हो। याचिका में यूजीसी से हर शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले वर्ष में कम-से-कम दो बार निर्दिष्ट डिग्रियों की समेकित सूची का व्यापक प्रकाशन सुनिश्चित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

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