


परसपुर, गोंडा : विकासखंड क्षेत्र के कई गांव में खेत खलिहानों में झुंड के झुंड छुट्टा जानवर फसलों को रौंद व चरकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। दिन रात फसल रखवाली को जुटे किसानों की समस्या थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं विभागीय अफसरों के उदासीनता के चलते गौशाला में सरंक्षित गौवंश सुरक्षित नहीं हैं। गौवंश पालन के नाम पर अनियमितता चरम पर है। गौ आश्रय केन्द्र पर भूसा चारा पानी की किल्लत हैं। जिससे सरंक्षित पशुओं को भूखे पेट रहना पड़ रहा है। नगर पंचायत परसपुर भवन के बगल में स्थित गौ आश्रय केन्द्र पर तकरीबन 20 मवेशी सरंक्षित हैं।यहाँ गौशाला केन्द्र पर भूसा हरा चारा, पानी की किल्लत है। गौवंशो को आधा अधूरा चारा भूसा देकर खानापूर्ति मामले से इंकार नहीं किया जा सकता है। स्टॉक में रखा भूसा में बालू मिट्टी मिलावट जैसे शक्ल में तब्दील है। पानी के समुचित इंतजाम नहीं है। गौवंश पालन के लिये मुस्तैद कर्मी ने बताया कि चार माह से भूसा चारा की आपूर्ति रामभरोसे हैं। आधा अधूरा दाना पानी भूसा देकर जैसे तैसे गौवंशों का पालन किया जा रहा है। यह समस्या तब है, जब प्रदेश सरकार गौवंश सरंक्षण व किसानों के आय को लेकर गम्भीर है। वहीं इसके जिम्मेदार सम्बंधित अफसर इस गम्भीर समस्या पर मौन बने हुए हैं।


