जिला अस्पताल में शुरू होगी सिटी स्कैन की सुविधा, 6 साल बाद मरीजों की मांग होगी पूरी, 2017 से खराब है मशीन,
अयोध्या।
जिले में छह साल बाद मरीजों को जिला अस्पताल में सिटी स्कैन की सुविधा मिलने जा रही है। मार्च के अंतिम सप्ताह में यह सुविधा शुरू होगी। इसके लिए जिला अस्पताल में मशीन के इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है। पीपीपी मॉडल के तहत डायग्नोस्टिक कंपनी क्रेसना की ओर से सीटी स्कैन मशीन की यूनिट जिला अस्पताल में स्थापित किया जा रहा है।
मशीन के इंस्टालेशन को लेकर हृदय रोग यूनिट के बरामदे में कक्ष का निर्माण कराया गया है। हालांकि परीक्षण शुल्क को लेकर अभी संशय बरकरार है कि स्कैन के लिए पूर्व निर्धारित शुल्क लिया जाएगा अथवा इसमें बढ़ोतरी होगी या फिर यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से महिला अस्पताल स्थित क्षेत्रीय निदान केंद्र में सीटी स्कैन मशीन की स्थापना कराई गई थी। परीक्षण के लिए मरीज से पांच सौ रुपये शुल्क लिया जाता था। हालांकि इस मशीन से सीमित जांचें ही हो पाती थीं। अप्रैल 2017 में सीटी स्कैन मशीन के खराब होने के बाद मरीजों, तीमारदारों, सामाजिक संस्थाओं तथा जनप्रतिनिधियों की ओर से मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक सीटी स्कैन सुविधा बहाल कराने की मांग उठती रही, लेकिन लगभग छह साल बीत गए।
कुछ माह पहले गत वर्ष शासन के निर्देश पर सीटी स्कैन केंद्र की स्थापना को लेकर जिला अस्पताल प्रशासन ने इमरजेंसी ओपीडी के सामने कक्ष का निर्माण शुरू कराया, लेकिन रामपथ चौड़ीकरण के चलते इसे बंद करना पड़ा। बाद में अस्पताल प्रशासन ने हृदय रोग विभाग स्थित बरामदे में कक्ष का निर्माण शुरू कराया था। शासन ने पीपीपी मॉडल पर सीटी स्कैन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए डायग्नोस्टिक कंपनी क्रेसना से अनुबंध किया है। क्रेसना कंपनी की ओर से केंद्र के संचालन के लिए सीटी स्कैन मशीन की पूरी यूनिट जिला अस्पताल को उपलब्ध कराई गई है। जिसका संचालन भी इसी कंपनी के कर्मियों की ओर से किया जाना है।
यहां प्रतिदिन तीन हजार से अधिक मरीज इलाज कराने आते हैं। इसके अलावा संयुक्त अस्पताल में प्रतिदिन 1500 मरीज ओपीडी में आते हैं। महिला अस्पताल में 500 और श्रीराम अस्पताल में 1200 मरीज डॉक्टरों को दिखाने के लिए पहुंचते हैं। इसमें अधिकांश मरीजों को सीटी स्कैन के लिए दर्शन नगर मेडिकल कॉलेज तक दौड़ लगानी पड़ रही है। यह फिर प्राइवेट भारी फीस देकर जांच करानी पड़ती है। मेडिकल कॉलेज में अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन सीटी स्कैन के लिए रहती है। ऐसे में मरीजों को एक सप्ताह का समय मिलता है।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ सी बी एन त्रिपाठी ने बताया कि शासन की ओर से पीपीपी मॉडल के तहत जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगवाई जा रही है। एजेंसी को मशीन लगवाने के लिए रूम मुहैया कराया गया है। जहां मशीन को लगाने का काम शुरू हो गया है।