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CBSE ओपन बुक एग्जाम्स का ट्रायल करेगा : इसमें किताबें-नोट्स ले जा सकेंगे, टॉपिक की समझ और प्रैक्टिकल नॉलेज का टेस्ट होगा

🏵️CBSE ओपन बुक एग्जाम्स का ट्रायल करेगा : इसमें किताबें-नोट्स ले जा सकेंगे, टॉपिक की समझ और प्रैक्टिकल नॉलेज का टेस्ट होगा

CBSE बोर्ड अब क्‍लास 9 से 12 तक के लिए ओपन बुक एग्‍जाम (OBE) ट्रायल करने जा रहा है। इसी साल नवंबर में कक्षा 9 और 10 के लिए अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और कक्षा 11 और 12 के लिए अंग्रेजी, गणित और जीवविज्ञान के लिए कुछ स्कूलों में ओपन-बुक टेस्ट कराने की तैयारी है।

क्‍या होता है ओपन-बुक एग्‍जाम

ओपन-बुक एग्‍जाम में स्‍टूडेंट्स को परीक्षा के दौरान अपने नोट्स, किताबें, या कई अन्‍य स्‍टडी मटीरियल साथ ले जाने और उन्हें देखने की अनुमति होती है। हालांकि, OBE सामान्‍य परीक्षा से आसान नहीं होता। ये एग्‍जाम अक्सर ज्‍यादा मुश्किल होते हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि ओपन-बुक एग्‍जाम में स्‍टूडेंट की याद रखने की क्षमता का आकलन नहीं किया जाता, बल्कि किसी सब्‍जेक्‍ट या टॉपिक की समझ और उसके प्रैक्टिकल नॉलेज को परखा जाता है। एग्‍जामिनर उन आंसर्स को नंबर नहीं देते जो किताब से देखकर लिखे गए हों, बल्कि उन आंसर्स को मार्क्‍स दिए जाते हैं, जिसमें स्‍टूडेंट की इंटेलिजेंस दिखाई दे। जैसे- स्टूडेंट अगर नोटबुक में टीचर्स द्वारा लिखाए गए पैरा को ज्यों का त्यों कॉपी करते हैं, तो उन्हें नंबर नहीं मिलेंगे, जबकि उससे आइडिया लेकर अपनी भाषा में उसे बेहतर तरीके से लिखेंगे तो नंबर मिलेंगे।

इसी साल से शुरू होगा OBE

OBE का पहला ट्रायल इसी साल नवंबर-दिसंबर में करने का प्रस्ताव है। इसके बाद बोर्ड यह तय करेगा कि कक्षा 9 से 12 के लिए उसके सभी स्कूलों में इसे लागू करना चाहिए या नहीं। इससे स्‍टूडेंट्स की थिंकिंग स्किल्स, एप्‍लीकेशन, एनालिसिस, क्रिटिकल और क्रि‍एटिव थिंकिंग और प्रॉब्‍लम सॉल्विंग एबिलिटी का टेस्‍ट लिया जाएगा।

DU तैयार करेगा फॉर्मेट

CBSE जून तक OBE पायलट के डिजाइन और डेवलेपमेंट को पूरा करने की योजना बना रहा है। यह फॉर्मेट दिल्ली यूनिवर्सिटी से तैयार किया जाएगा। DU ने अगस्त 2020 में कोरोना महामारी के दौरान ओपन बुक टेस्ट की शुरुआत की थी। हालांकि, इससे एजुकेशन कैलेंडर बिगड़ गया था।

स्‍टूडेंट्स कर चुके हैं OBE का विरोध

DU के स्‍टूडेंट्स ने OBE के खिलाफ इस आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि यह उन लोगों के लिए पक्षपातपूर्ण होगा जिनके पास इंटरनेट और बुनियादी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की पहुंच नहीं है। हालांकि, हाईकोर्ट ने डीयू को फाइनल ईयर के ग्रेजुएट और पोस्‍ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए OBE करने की अनुमति दे दी।

रेगुलर स्‍टूडेंट्स को परीक्षा पूरी करने के लिए एक घंटे और आंसर शीट को स्कैन करने और उन्हें अपलोड करने के लिए एक अतिरिक्त घंटे का समय दिया गया, जबकि दिव्यांग छात्रों को परीक्षा के लिए 6 घंटे मिले।

तैयार होंगी हाई-क्‍वालिटी बुक्‍स
गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में OBE के लिए खास किताबें तैयार करने पर भी विचार किया गया। बोर्ड ने ऐसी किताबों की जरूरत पर चर्चा की जिनसे यह तय किया जा सके कि स्‍टूडेंट्स एग्‍जाम के इस नए फॉर्मेट को समझ पाएं।

बैठक के दौरान, यह भी प्रस्‍ताव रखा गया कि पहले टीचर्स के लिए OBE किया जाना चाहिए। इससे टीचर्स को भी एग्‍जाम को समझने और इसके लिए स्‍टडी मटीरियल तैयार करने में मदद मिलेगी।

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