मृत शिक्षक के पिता ने कोर्ट में लगाई गुहार, दिवंगत की पत्नी भी बनाई गई आरोपी
शिव जियावन इंटर कॉलेज लेड़ियारी में नौकरी के दौरान हुई थी मृत्यु
कोर्ट के आदेश पर शहर कोतवाली में दर्ज हुआ कई धाराओं में मुकदमा
प्रयागराज, संवाददाता। इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक के पद पर एक शिक्षक की मौत के बाद सर्विस निधि की बंदरबाट का मामला सामने आया है। मृतक के पिता ने इस मामले में शिक्षक की पत्नी सुषमा, लिपिक रवि पटेल, अलोक गुप्ता पेंशन विभाग, डीआईओएस पीएन सिंह, प्रबंधक शिव जियावन इंटर कॉलेज लेड़ियारी रामकैलाश, हिंछलाल बाबू, देवराज भूर्तिया बाबू, वर्तमान प्रधानाचार्य शिव जियावन इंटर कॉलेज संतराज कनौजिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। कोतवाली पुलिस अदालत के आदेश पर धोखाधड़ी, कूटरचना, गबन, एससी-एसटी और जान से मारने की धमकी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच कर रही है।कोरांव में भोगन गांव निवासी रघुनंदन ने तहरीर दी है कि उनका बेटा सुरेश कुमार शिव जियावन इंटर कॉलेज में 2010-2021 तक सहायक अध्यापक गणित के पद पर नियुक्त थे। इसके पहले वह कौशाम्बी के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात रहे। 2007 में उसकी शादी मेजा की सुषमा से हुई थी। 2010 में इंटर कॉलेज में गणित के सहायक अध्यापक पद पर चयनित हुए। पत्नी की आदतों से परेशान होकर 2011 में तलाक की अर्जी दी थी। वह अक्सर बीमार रहते थे। ऐसी हालत में सर्विस बुक में पिता को नामिनी रखा था। सुरेश ने शपथ पत्र में लिखा था कि मेरे न रहने पर मेरे माता-पिता ही जो मेरे सर्विस निधि का पैसा बनता है, उसे नामिनी के आधार पर मेरे पिता ही उत्तराधिकारी होंगे। 17 जुलाई 2020 को सुरेश की मौत हो गई। आरोप है कि कॉलेज के बाबू और जिले में तैनात लिपिक रवि पटेल, आलोक गुप्ता पेंशन विभाग ने पैसे के लालच में सुषमा को फर्जी नामिनी दर्ज किया। इतना ही नहीं रघुनंदन और उनकी पत्नी श्यामकली के नाम से फर्जी शपथ पत्र दिया गया। आरोप है कि इस पूरे काम में डीआईओएस पीएन सिंह ने पूरा सहयोग किया। 24 अप्रैल 2023 को डीआईओएस ने दोनों पक्षों को नोटिस भेजकर बुलाया और फैसला किया कि पेंशन व मृतक बीमा का पूरा पैसा नामिनी रघुनंदन को दिया जाए। भरण पोषण के लिए बढ़ते क्रम में वेतन का एक तिहाई भाग हमेशा दिया जाए। इस संबंध में दोनों पक्षों से 15 मई को शपथ पत्र लिया गया। सुषमा की नियुक्ति के बाद अगस्त में रघुनंदन ने उससे पूछा कि पेंशन व मृतक बीमा का पैसा कब आएगा। इस पर पता चला कि समझौते के पहले ही फरवरी 2023 में पैसा आया था। उसी पैसे लेनदेन कर नियुक्ति हुई है। इस पर रघुनंदन ने शिक्षा विभाग और अन्य अधिकारियों से मामले की शिकायत की। आरोप है कि संस्कृत विषय की जगह न होने पर भी सुषमा की गलत ढंग से नियुक्ति कर भ्रष्टाचार किया गया है। जब रघुनंदन को कहीं से इंसाफ नहीं मिला तो अदालत से गुहार लगाई। तब जाकर मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई।
फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट ने आईआईआईटी के साथ आठवां एमओयू किया
दोनों संस्थान मिलकर तैयार करेंगे नया ऑनलाइन कोर्स
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता।उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइसेंज लखनऊ ने गुरुवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) लखनऊ के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इसके तहत दोनों संस्थान मिलकर साइबर फॉरेंसिक एवं सूचना प्रद्योगिकी में नए ऑनलाइन कोर्स तैयार करेंगे, ताकि छात्रों एवं व्यवसायिक विशेषज्ञों को बेहतर शिक्षा दिलाया जा सके।यह एमओयू फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट लखनऊ के निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी एवं आईआईआईटी लखनऊ के निदेशक डॉ. अरुण मोहन सेरी के बीच हस्ताक्षरित किया गया। फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट का महत्वपूर्ण संस्थानों के साथ यह आठवां एमओयू है। इनमें एनएफएसयू गांधीनगर गुजरात, एकेटीयू लखनऊ, सीडीएफडी हैदराबाद, टीआईएसएस मुंबई, एनयूजेएस पश्चिम बंगाल एवं आईआईटी कानपुर आदि शामिल हैं। फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी ने बताया कि आईआईआईटी लखनऊ से हुए इस एमओयू से फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के छात्रों को ज्ञानार्जन के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक वातावरण मिलेगा। विशेष शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के लिए दोनों संस्थानों के विषय-विशेषज्ञ एक-दूसरे के संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे ।
छह विभागों में पीजी व डीएम की सीटें बढ़ेंगी
केजीएमयू प्रशासन ने नेशनल मेडिकल काउंसिल को भेजा प्रस्ताव
पढ़ाई संग मरीजों को बेहतर इलाज मिलने की राह आसान होगी
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता केजीएमयू में पढ़ाई संग मरीजों को और बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में कदम उठाया गया है। छह विभागों में एमडी व सुपर स्पेशियालिटी पाठ्यक्रम डीएम कोर्स शुरू करने का फैसला किया है। इस संर्दभ में प्रस्ताव नेशनल मेडिकल काउंसिल को भेज दिया गया है। कॉलेज प्रशासन ने जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद जाहिर की है।
चार नए विभाग में होगी पढ़ाई
चार नए विभाग में एमडी कोर्स शुरू करने की तैयारी है। इसमें स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग में एमडी की चार सीटों की अनुमति मांगी गई है। संक्रामक रोग विभाग में सुपर स्पेशयालिटी पाठ्यक्रम डीएम की चार सीटें मांगी गई हैं।एनस्थीसिया विभाग में एमडी की आठ सीटें मांगी गई हैं। अभी एमडी की 42 सीटें हैं। 50 सीट करने की तैयारी है। पीएमआर और पेन मैनेजमेंट विभाग में एमडी पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। दोनों विभागों में चार-चार सीटों की अनुमति मांगी है। ट्रॉमा एंड क्रिटिकल केयर में डीएम की चार सीटें मांगी गई है।
मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा
अधिकारियों का कहना है कि एमडी व डीएम कोर्स शुरू होने से संस्थान को सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मिलते हैं। जिनसे मरीजों के इलाज में मदद मिलती है। वार्डों में ज्यादातर समय सीनियर के साथ रेजिडेंट डॉक्टर ही मरीजों को इलाज उपलब्ध कराते हैं।
गोरखपुर के हिमांशु जेईई मेंस में यूपी टॉपर
गोरखपुर, निज संवाददाता। देश में इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी परीक्षा जेईई मेंस के परिणामों में गोरखपुर के हिमांशु यादव ने कमाल कर दिया है। कुल 100 परसेंटाइल स्कोर के साथ उन्होंने यूपी में पहला स्थान प्राप्त किया है। हिमांशु को ऑल इंडिया में 32वीं रैंक मिली है। ओबीसी कैटेगरी में देश में 7वां स्थान मिला है। इसी साल सीबीएसई से इंरमीडिएट की परीक्षा देने वाले हिमांशु मेहनत के साथ मोबाइल फोन से दूरी को सफलता में अहम योगदान मानते हैं।गोरखपुर शहर के पादरी बाजार स्थित जंगल हकीम नंबर-1, श्यामेन्द्र नगर निवासी हिमांशु यादव मूल रूप से गाजीपुर जिले के सैदपुर तहसील क्षेत्र के पचारा गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता संजय यादव वर्तमान में महराजगंज कोतवाली थाने में इंस्पेक्टर क्राइम के पद पर तैनात हैं। पूरा परिवार गोरखपुर में ही रहता है। बचपन से ही पढ़ने में मेधावी हिमांशु ने जंगल धूसड़ स्थित एकेडमिक ग्लोबल स्कूल से पढ़ाई करते हुए इस वर्ष ही इंटरमीडिएट की परीक्षा दी है। अभी बोर्ड परीक्षा का परिणाम नहीं आया है, उसके पहले यह बड़ी खुशखबरी आ गई। हाईस्कूल की परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक पाने वाले हिमांशु यादव के पिता संजय यादव ने हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित किया तो माता सुमन यादव भी हमेशा साथ रहीं। हिमांशु के बड़े भाई प्रियांशु यादव एमएमएमूटी से बीटेक कर रहे हैं।
सिर्फ बात करने के लिए फोन का प्रयोग
मोबाइल से दूर रहने को हिमांशु सफलता का बड़ा कारण मानते हैं। हिमांशु ने कहा कि वे फोन का इस्तेमाल सिर्फ घर पर या शिक्षकों से बात करने के लिए ही करते हैं। कभी-कभी मनोरंजन और मन हल्का करने के लिए कोई कॉमेडी वीडियो देख लेते हैं। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को हिमांशु अपना आदर्श मानते हैं।
शिक्षकों ने समस्याओं के निस्तारण को सौंपा ज्ञापन
भड़रिया बाजार, हिन्दुस्तान संवाद। डुमरियागंज ब्लॉक संसाधन केन्द्र पर गुरुवार राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ब्लॉक अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में पदाधिकारियों ने बैठक की। इसमें शिक्षक समस्याओं के निस्तारण पर चर्चा की गई। इसके बाद शिक्षकों ने बीईओ संजय कुमार को ज्ञापन सौंपकर समस्याों का निराकरण कराने की मांग की।ब्लॉक अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षकों से जुड़ी समस्याओं के निराकरण को लेकर लगातार मांग की जा रही है लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। इसमें वरिष्ठतम शिक्षकों को विद्यालय प्रभार देने का प्रकरण सबसे महत्वपूर्ण है। बीईओ ने कहा कि वरिष्ठ या कनिष्ठ शिक्षक विद्यालय का प्रभार 30 अप्रैल तक हस्तानांतरित नहीं करते हैं तो वेतन बाधित कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। ब्लॉक अध्यक्ष ने सभी शिक्षकों को विभागीय पहचान पत्र निर्गत करने, बीआरसी कार्यालय के सहायकों के पटल निर्धारण करने, शिक्षकों द्वारा दी गई सूचना की हार्ड कॉपी की डाक में प्रविष्टि एवं उसकी रिसीविंग देने, किसी भी शिक्षक का वेतन बिना स्पष्टीकरण लिए बाधित न करने, कंपोजिट ग्रांट से किए गए कार्यों के विवरण प्राप्ति हेतु समय देने एवं ग्रांट का आवंटन वर्तमान संख्या के अनुसार किए जाने आदि समस्याओं के निदान की मांग की है। इस दौरान इश्तियाक अहमद, शेषराम यादव, संजय मिश्र, चंद्र भूषण पांडेय, आदर्श वर्मा, राम सिंह पाल, दिलीप शर्मा, मनोज द्विवेदी आदि मौजूद रहे।
शिक्षक को दिया सेवा समाप्ति का नोटिस
सिद्धार्थनगर। बीएसए देवेंद्र कुमार पाण्डेय ने विद्यालय पर कार्यभार ग्रहण न करने के आरोप में इटवा क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेलवा के सहायक अध्यापक मो.इमरान अंसारी को सेवा समाप्ति की नोटिस जारी किया है।बीएसए ने कहा कि आपके विरुद्ध प्रचलित विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही को समाप्त कर पूमावि बेलवा इटवा में पदस्थापित किया गया था। पर अब तक पदस्थापित विद्यालय पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि दो मई तक पदस्थापित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कर योगदान आख्या खंड शिक्षा अधिकारी इटवा के माध्यम से उपलब्ध कराएं।
सतर्क रहें ! गर्मी में ज्यादा देर बैठने से भी होे सकता है हीट स्ट्रोक
कानपुर। कानपुर में तापमान बढ़ने पर अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मामले भी सामने आने लगे हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर एसके गौतम ने बताया कि अधिकतर मामलों में हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर उच्च तापमान में ज्यादा परिश्रम के कारण गर्म हो जाता है। इस स्थिति में आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है।हालांकि गर्मी में बिना परिश्रम करने वाले ऐसे लोगों को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है जिनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यदि आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं और गर्मी में बैठे रहते हैं तो भी हीट स्ट्रोक हो सकता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, मधुमेह आदि बीमारियों से पीड़ित रोगियों को इसका खतरा अधिक होता है। इस प्रकार का हीट स्ट्रोक धीरे-धीरे कई घंटों या दिनों तक आ सकता है।
क्या है हीट स्ट्रोक हीटस्ट्रोक शरीर की ऐसी स्थिति है, जिसमें मौजूदा शारीरिक तापमान सामान्य से अधिक होने लगता है। अधिकतर मामलों में यह 103 से 104 फारेनहाइट तक पहुंच जाता है। शरीर खुद को ठंडा रखने में विफल रहता है। यह स्थिति तब आती है जब शरीर का थर्मल सिस्टम फेल हो जाता है। ऐसे में कमजोरी, थकान, उल्टी, चक्कर आना और पसीने जैसे लक्षण नजर आते हैं।डॉक्टर गौतम ने बताया कि शरीर एक निश्चित तापमान में ही काम कर पाता है। यदि शरीर का तापमान बढ़ता है तो दिक्कत हो सकती है। इसलिए धूप में निकलने से बचें। अगर निकलते हैं तो सिर को ढक लें।
ये उपाय करें
● सभी पेय पदार्थ शरीर को तरल नहीं रखते। शराब या ज्यादा शुगर वाले पेय पदार्थ शरीर में डिहाइड्रेशन की वजह बन सकते हैं
● एक साथ ज्यादा भोजन न करें, छोटे-छोटे अंतराल पर पोष्टिक भोजन करें। हरी सब्जियों, सलाद और फलों को जरूर शामिल करें
● घरों में ठंडे कमरों से अचानक गर्मी में बाहर निकलने से पहले थोड़ी देर सामान्य तापमान में रुकें और फिर बाहर जाएं
● व्यायाम बेहद जरूरी है, लेकिन ध्यान रहे कि इतना ज्यादा पसीना न निकले कि शरीर बहुत गर्म होने लगे
● शरीर उच्च तापमान में ज्यादा परिश्रम से गर्म हो जाता है तो आपातकालीन उपचार लें
इन बातों का ध्यान रखें
● खुद को धूप से बचाने के लिए ढीले सूती कपड़े और टोपी पहनें। अगर आप बाहर जाते हैं तो कोशिश करें कि शाम तीन बजे के बाद या 11 बजे से पहले जाएं। यदि आपको दिन में बाहर जाना है तो छांव में ब्रेक जरूर लेते रहें।
● कम से कम 8 से 9 ग्लास पानी पीना चाहिए। हालांकि दिल और किडनी की बीमारी है तो इस बारे में डॉक्टर से बात जरूर कर लें।
● खाने में पौष्टिक आहार का सेवन करें। तला भुना नहीं खाएं।
● आमतौर पर माना जाता है कि गर्मी में ज्यादा परिश्रम करने पर ही हीट स्ट्रोक होता है
ये हैं लक्षण
● शरीर का तापमान 104 डिग्री या इससे ज्यादा होना
● पसीना निकलना बंद हो जाना
● दिल की धड़कन तेज हो जाना
● दिमाग में गफलत, असंतुलन और दौरे की स्थिति
केस से जुड़े अपडेट सुप्रीम कोर्ट व्हाट्सएप पर भेजेगा
नई दिल्ली, विसं। देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को पर्यावरण हितों की रक्षा और डिजिटलीकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से वकीलों को वाद सूची के साथ नये मामले के दाखिल होने व सूचीबद्ध करने से संबंधित जानकारी साझा करेगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस पहल से कागजों की बर्बादी रूकेगी, जिससे पेड़ों व पृथ्वी को बचाने में मदद मिलेगी।मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने व्हाट्सएप को सुप्रीम कोर्ट की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सेवाओं से जोड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसका बहुत प्रभावशाली असर पड़ेगा और इस कदम से कागज और पृथ्वी को बचाने में मदद मिलेगी। नौ जजों की संविधान पीठ की अगुवाई कर रहे सीजेआई ने अदालती कार्यवाही शुरू करने से पहले व्हाट्सएप को न्यायालय की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सेवाओं से जोड़ने की घोषणा की। मुख्य न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत का आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर 8767687676 साझा किया और कहा कि इस पर कोई संदेश और कॉल प्राप्त नहीं होगा।
छात्रवृत्ति परीक्षा का परिणाम घोषित
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति योजना परीक्षा 2024 का परिणाम साढ़े पांच महीने के इंतजार के बाद बुधवार को घोषित कर दिया गया। उत्तर प्रदेश के राजकीय, सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय के स्कूलों में आठवीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए निर्धारित 15143 सीटों के सापेक्ष 14896 मेधावियों को सफलता मिली है। वहीं 247 सीटें खाली रह गई। वहीं, सूबे के बलिया, बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, कन्नौज, कुशीनगर, कौशांबी, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, सोनभद्र, एवं वाराणसी जनपद का परिणाम शत-प्रतिशत रहा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के अनुसार अभ्यर्थी परीक्षा का परिणाम 25 अप्रैल से वेबसाइट www. entdata. co. in पर देख सकते हैं। परिणाम पांच मई तक वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा। सफल छात्र-छात्राओं को कक्षा नौ से 12 तक प्रति माह एक हजार या प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये पढ़ाई के लिए मिलेंगे।
मई के पहले सप्ताह से स्कूलों में भेजे जाएंगे अंकपत्र
प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता।। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद अब परीक्षार्थियों को अंक पत्र मिलने का इंतजार है। अंक पत्र वितरण को लेकर बोर्ड की तैयारियां अंतिम दौर में है। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो मई के पहले सप्ताह में स्कूलों को रिजल्ट भेज दिया जाएगा। वहीं, बोर्ड पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों में ग्रीवांश सेल खोलकर छात्र-छात्राओं की समस्याओं का निराकरण कर रहा है।विदित हो कि यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट बीते शनिवार 20 अप्रैल को जारी कर दिया गया था। 10वीं कक्षा में 89.55 प्रतिशत पास हुए हैं। वहीं, 12वीं कक्षा 82.60 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
स्कूलों में शारीरिक दंड खत्म करें :हाईकोर्ट
चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया है कि वह स्कूलों में शारीरिक दंड समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के दिशानिर्देश को लागू करे। न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने कामाची शंकर अरुमुगम द्वारा दायर एक याचिका पर हाल ही में अंतरिम आदेश पारित करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को यह निर्देश दिया।
सशस्त्रत्त् बलों में 112 मेडिकल स्नातक शामिल
नई दिल्ली, एजेंसियां। पुणे स्थित सशस्त्रत्त् बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) के 58वें बैच के 112 मेडिकल स्नातकों को सशस्त्रत्त् बलों में शामिल किया गया है।रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि सशस्त्रत्त् बल चिकित्सा सेवा में नियुक्त इन 112 कैडेटों में से 87 पुरुष कैडेट और 25 महिला कैडेट हैं। उनमें से 81 को थल सेना में, 10 को नौसेना में और 14 को वायु सेना में नियुक्त किया गया। मंत्रालय ने बताया, ‘पुणे स्थित सशस्त्रत्त् बल मेडिकल कॉलेज के 58वें बैच के 112 मेडिकल स्नातकों को 25 अप्रैल को कैप्टन देवाशीष शर्मा, कीर्ति चक्र परेड ग्राउंड पर आयोजित समारोह में भारतीय सशस्त्रत्त् बलों में नियुक्त किया गया।’ सशस्त्रत्त् बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक (डीजीएएफएमएस) और सेना चिकित्सा कोर के वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह समारोह के मुख्य अतिथि थे
पात्र हो सकते हैं 19 हजार शिक्षक:बंगाल एसएससी
कोलकाता, एजेंसियां। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने गुरुवार को दावा किया कि उसने कलकत्ता उच्च न्यायालय को 2016 की स्कूल भर्ती समिति की ओर से नियुक्त ऐसे 5300 लोगों की सूची प्रदान की थी, जिनकी नियुक्तियां संदिग्ध थीं। एसएससी ने कहा कि शेष 19,000 शिक्षक ‘पात्र हो सकते हैं।’आयोग ने कहा कि उसका मानना है कि 19,000 शिक्षक जिनकी नियुक्तियां उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में रद्द हो गई हैं, हो सकता है कि उनकी योग्यता नियुक्ति अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए मानदंडों से मेल खाती हों।
नौकरियां समाप्त करना गैर-न्यायोचित:ममता
केशियारी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 25,000 से अधिक स्कूली नौकरियों को निरस्त किए जाने को ‘पूरी तरह अन्याय’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों को मतदान ड्यूटी में तैनात करने से रोकने की भाजपा की साजिश
कर्मचारी संगठनों ने तबादला नीति में छूट मांगी
लखनऊ। राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए प्रतिवर्ष स्थानान्तरण नीति शासन द्वारा जारी की जाती है। परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव और अपर महामंत्री डा. नरेश कुमार ने लोक सभा समान्य निर्वाचन के तुरंत बाद आने-वाले स्थानान्तरण सत्र में मान्यता प्राप्त सेवा संघों के पदाधिकारियों में स्थानान्तरण नीति में संशोधन करते हुए ही निर्गत करने की मांग की है।
बीएसए पर लगा दस हजार का हर्जाना
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आधा अधूरा हलफनामा दाखिल करने और सवाल उठने पर वापस लेकर बेहतर हलफनामा दाखिल करने का समय मांगने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखपुर पर 10 हजार रुपये हर्जाना लगाया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने मीना देवी की याचिका पर अधिवक्ता ओम प्रकाश सिंह को सुनकर दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उपस्थित बेसिक शिक्षा अधिकारी को 30 अप्रैल को भी हाजिर रहने का निर्देश दिया है। कोर्ट के निर्देश पर सरकारी वकील ने बेसिक शिक्षा अधिकारी की हाजिरीमाफी सहित उनका हलफनामा दाखिल किया।कहा कि संबद्ध मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया है इसलिए इस केस में अलग से हलफनामा नहीं दिया जा रहा है। जब कोर्ट ने हलफनामा देखा तो पता चला कि उसमें संबद्ध याचिका का न तो नंबर दिया गया है और न ही कब दाखिल हुआ, यह बताया गया है।इस पर सरकारी वकील ने तीन दिन में बेहतर हलफनामा दाखिल करने के लिए यह हलफनामा वापस लेने की प्रार्थना की। कोर्ट ने प्रार्थना स्वीकार करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी पर 10 हजार रुपये हर्जाना लगाया और हर्जाने की राशि महानिबंधक कार्यालय में जमा करने का आदेश दिया।