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गोंडा : महाकवि तुलसीदास महाविद्यालय परसपुर में “विकसित भारत 2047” विषय पर संगोष्ठी संपन्न

परसपुर (गोंडा)। परसपुर कस्बा स्थित महाकवि तुलसीदास महाविद्यालय परसपुर में “विकसित भारत 2047” कार्यक्रम के अन्तर्गत “समर्थ उत्तर प्रदेश — विकसित उत्तर प्रदेश 2047 विजन” के तहत “सक्षम एवं तैयार गोण्डा : संकल्प, उद्देश्य व समृद्धि” विषय पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोंडा के प्राणी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अरविन्द शर्मा एवं हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जयशंकर तिवारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. बीना सिंह एवं मुख्य अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के शिक्षक डॉ.अनूप शुक्ला द्वारा किया गया। वी.एससी. की छात्रा भूमि पाण्डेय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए एजुकेशन सिस्टम और स्किल डेवलपमेंट में बदलाव की अत्यधिक आवश्यकता है। मुख्य वक्ताओं ने तकनीकी उन्नति, कृषि सुधार, रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण तथा स्थानीय उद्योगों को मजबूत करने पर विस्तार से प्रकाश डाला और छात्र-छात्राओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।

लाल बहादुर शास्त्री पी.जी. कॉलेज गोण्डा से आए हुए अतिथियों ने भारत 2047 तक कैसे पूर्ण विकसित होगा, अब तक कितना विकास हो चुका है और किन क्षेत्रों में विकास की कितनी आवश्यकता है, इस पर बी.ए., बी.एससी., एम.ए. व एम.एससी. के छात्र-छात्राओं के साथ विचार साझा किया।

इस अवसर पर मुख्य नियंता डॉ. सीमा तिवारी, डॉ. अजीत सिंह, अनूप शुक्ला, डॉ. ज्योति बाला पाण्डेय, डॉ. एस.पी. सिंह, डॉ. दयाशंकर मिश्र, नरेन्द्रनाथ पाण्डेय, शिवम पाण्डेय, राजीव शुक्ल एवं मुरलीधर मिश्र सहित महाविद्यालय की प्राचार्या व शिक्षकगण शामिल रहे।

इस संगोष्ठी में छात्र -छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लेकर प्रश्नोत्तर सत्र में अपनी जिज्ञासाएँ और सुझाव रखे संगोष्ठी के दौरान साधना, सुनैना, प्रतिज्ञा सिंह, नैन्सी सिंह, गरिमा सिंह, अर्पित मिश्र, आयुषी सहित सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। समापन पर महाविद्यालय की मुख्य नियंता डॉ. सीमा तिवारी ने अतिथियों और आयोजकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम, आत्मविश्वास और विकास की समझ को प्रबल करते हैं तथा स्थानीय स्तर पर भी विकास के नए आयामों पर सोचने के अवसर प्रदान करते हैं।

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