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पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड:48 घंटे बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर हत्यारे,लोगों में आक्रोश

सीतापुर।

सूबे की राजधानी लखनऊ से सटे जिले सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड को 48 घंटा बीत चुका हैं, लेकिन सीतापुर पुलिस की पकड़ से हत्यारे दूर हैं।राघवेन्द्र की हत्या के बाद लोगों और पत्रकारों में आक्रोश है।कलेक्ट्रेट पर पत्रकारों और अन्य लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया।साथ ही मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर मुआवजा और मृतक राघवेन्द्र के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की है।

सूत्रों ने बताया कि पत्रकार राघवेन्द्र हत्याकांड में एक तहसील स्तर के अधिकारी सहित 7 लोगों से पूछताछ की हुई है।पूछताछ के बाद अधिकारी को छोड़ दिया गया है,जबकि बाकी लोगों को पुलिस ने रोक कर रखा है।इसके अलावा कुछ अन्य लोगों से भी शक के आधार पर पूछताछ जारी है।

बता दें कि राघवेन्द्र बाजपेई की पत्नी ने जो एफआईआर लिखाई उसमें कोई नामजद नहीं है और घटना की वजह को लेकर भी स्पष्ट बात नहीं कहीं गई है,जिससे पुलिस को मामले की तह तक पहुंचने में काफी दिक्कत आ रही है।पुलिस की कई टीमों का गठन किया है।जांच-पड़ताल जारी है, सीसीटीवी, कॉल डिटेल,सर्विलांस हर तरीके से राघवेन्द्र के हत्यारों का सुराग जुटाए जा रहा है।

बताते चलें कि पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेमपुर नेरी रेलवे क्रॉसिंग के ओवरब्रिज के पास ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने पहले राघवेन्द्र को बाइक से गिराया फिर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई।राघवेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई।इस हत्याकांड को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया,जिस तरह से राघवेन्द्र को गोलियां मारी गईं वो पेशेवर अपराधियों की शैली की तरफ इंगित करता है।राघवेन्द्र लगातार धान खरीद घोटाले और जमीन की रजिस्ट्री में धांधली को लेकर खबरें लिख रहे थे।

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