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गोंडा : रिश्वतखोरों का गुणगान कर खुद फंसा, पुराने कारनामों का चिट्ठा खुला

भ्रष्टाचार का समर्थन कर जनता की नजरों में गिरा, विरोध में उठी आवाज

गोण्डा। रिश्वतखोरी को सही ठहराने और भ्रष्टाचारियों का समर्थन करने वाले व्यक्ति की अब खुद पोल खुल रही है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को गलत ठहराने की कोशिश में वह अपने ही पुराने कारनामों के भंवर में फंसता जा रहा है। जनता में इसको लेकर आक्रोश है, और लोग कह रहे हैं कि भ्रष्टाचारी का समर्थन करने वाला खुद भी भ्रष्ट होता है।वायरल वीडियो में जिस सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे और जुर्माने की बात कही गई थी, वह पूरी तरह से झूठी निकली। तहसील प्रशासन पहले ही आरटीआई के माध्यम से स्पष्ट कर चुका है कि उस गाटा संख्या में ग्राम सभा की एक इंच भी भूमि नहीं है। जांच में यह भी सामने आया कि एक लेखपाल ने व्यक्तिगत द्वेष के चलते फर्जी रिपोर्ट लगाई थी। जिलाधिकारी ने इस लेखपाल के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं, और जल्द ही उसके खिलाफ कार्रवाई की संभावना है। जिस व्यक्ति ने रिश्वतखोरों का समर्थन किया है, उसकी खुद की संदिग्ध गतिविधियां अब उजागर हो रही हैं। चार-पांच साल पहले जिला अस्पताल में एक कर्मचारी को गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिश में इसे अपमानित होना पड़ा था। बाद में, इसने एक फर्जी न्यूज चैनल का संवाददाता बनाने के नाम पर कटरा बाजार के एक संभ्रांत व्यक्ति के पुत्र सहित कई अन्य लोगों से मोटी रकम वसूल ली। पिछले वर्ष होली के दौरान आबकारी अधिकारी से अवैध वसूली करने पहुंचा, तो उसे ऑफिस से धक्के मारकर निकाल दिया गया। लोकसभा चुनाव में एक प्रत्याशी से अपने कुछ साथियों के नाम पर लाखों रुपये लिए, लेकिन अधिकतर रकम खुद रख ली। जब साथियों ने विरोध किया, तो कुछ को पैसा लौटाया। जानकारी के मुताबिक, यह व्यक्ति एक दुकान की आड़ में नशे का व्यापार भी करता है। एक महिला अधिकारी को ब्लैकमेल करने की भी शिकायत जिलाधिकारी से की गई थी, जहां अधिकारी ने खुद रोते हुए अपनी व्यथा साझा की थी। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य विभाग की एक वरिष्ठ महिला अधिकारी से उगाही करने का प्रयास किया, लेकिन अधिकारी ने उसकी मांगों को नकार दिया। अब रिश्वतखोरों की पैरवी कर यह व्यक्ति खुद ही विवादों में आ गया है। जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।

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