
अयोध्या।प्रयागराज में 26 फरवरी को महाकुंभ का समापन हो गया है,लेकिन रामनगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। मकर संक्रांति से रोजाना साढ़े तीन से चार लाख श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर रहे हैं।इससे पहले रोजाना 80 हजार से एक लाख श्रद्धालु रामलला का दर्शन-पूजन करते थे।श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है तो दान भी बढ़ा है।राम मंदिर में रोजाना 15 लाख का दान आ रहा है।
राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से दान काउंटर की संख्या छह से बढ़ाकर 32 कर दी गई है।राम मंदिर में श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ से छह दानपात्रों में रुपये अर्पित करने को लेकर धक्का-मुक्की की स्थिति बन रही थी। इसे देखते हुए दर्शन मार्ग के सिंहद्वार से गेट नंबर तीन के निकासी मार्ग तक 32 दान पात्र लगा दिए गए हैं।रोजाना 12 से 15 लाख रुपये रामलला को चढ़ावा अर्पित हो रहा है।दानपात्र में आने वाली धनराशि की गिनती रोजाना की जाती है। इसके लिए बैंक और ट्रस्ट के कुल 20 कर्मी लगाए गए हैं, जो रोजाना दानपात्र की धनराशि की गिनती करते हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से प्रसाद के रूप में इलायची दाने देना भी पिछले 15 दिनों से बंद कर दिया गया है।यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि मंदिर में प्रसाद लेने के लिए श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ की स्थति न हो।
बता दें कि राम मंदिर में श्रद्धालुओं की गिनती एआई कैमरे और एफएमडी से की जाती है। एआई कैमरे और डीएफएमडी (डोर फ़्रेम मेटल डिटेक्टर) कैमरे से हुई काउंटिंग के अनुसार मकर संक्रांति से 26 फरवरी तक 1.26 करोड़ श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया है,जबकि अयोध्या में रोजाना सात से आठ लाख श्रद्धालु आते हैं।अयोध्या,प्रयागराज और काशी का जो त्रिकोण बना है वह धार्मिक दृष्टि से अतुलनीय है। श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन-पूजन करने के साथ अयोध्या के विकास का भी हिस्सा बन रहे हैं।