गोंडा : प्रतीक की मौत पर परिजनों का हत्या का आरोप, पुलिस ने कहा- हार्टअटैक से हुई मौत
गोंडा, परसपुर : परसपुर थाना क्षेत्र में बेलसर रोड पर बरदही बाजार स्थित पक्के कुएं के पास प्रतीक सिंह का शव मिलने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। ग्राम मधईपुर खांडेराय के ग़लिबहा निवासी मृतक प्रतीक सिंह उर्फ राहुल के पिता यदुनाथ सिंह का मानना है कि उसकी हत्या की गई और शव को जानबूझकर झाड़ियों में फेंका गया, ताकि मामले को छिपाया जा सके। परिजनों ने विनोद डोम और महेश मौर्य पर आरोप लगाते हुए हत्या की आशंका जताई, और उनके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं, पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रतीक की मौत हार्टअटैक से होना पाया गया, और उसके शरीर पर किसी प्रकार की चोट के निशान नहीं मिले हैं।
प्रतीक की मौत पर परिजनों का हत्या का आरोप, पुलिस ने कहा- हार्टअटैक से हुई मौत
प्रभारी निरीक्षक दिनेश सिंह ने बताया कि प्रतीक का शव शुक्रवार को बरदही बाजार के पास झाड़ियों में मिला था। फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया, लेकिन कोई संदिग्ध सबूत नहीं मिला। उन्होंने दावा किया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर प्रतीक की मौत हार्टअटैक से हुई है और इस मामले में कोई हत्या के संकेत नहीं हैं।
लेकिन प्रतीक सिंह उर्फ राहुल के पिता यदुनाथ सिंह और उनके परिवार का आरोप है कि पुलिस मामले की तह तक नहीं जा रही है और हत्या को हार्टअटैक बताकर मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। परिजनों का कहना है कि प्रतीक की मौत की रात उसने विनोद और महेश से मिलने की बात कही थी, और इसके बाद ही उसका शव झाड़ियों में मिला।
पुलिस की कार्यशैली पर उठा सवाल, परिवार के दुःख को नजरअंदाज करने का आरोप
परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही और इस जांच में केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हार्टअटैक का निष्कर्ष निकाल लिया है। पुलिस का व्यवहार परिवार के प्रति संवेदनशील नहीं लग रहा है। प्रतीक की पत्नी और छह माह की जुड़वा बेटियों के साथ पूरा परिवार गहरे सदमे में है। परिजनों का कहना है कि वे न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि पुलिस उन्हें लगातार हार्टअटैक की कहानी सुना रही है।
मौत की सच्चाई पर सवाल – कौन सच बोल रहा है, पुलिस या परिवार
पुलिस की निष्कर्ष रिपोर्ट को लेकर परिजनों का कहना है कि जब तक हत्या की पूरी तहकीकात नहीं होती, तब तक पुलिस की रिपोर्ट पर विश्वास करना मुश्किल है। पुलिस का रवैया देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वे जल्दबाजी में मामले को बंद करना चाहती हैं। परिवार का सवाल है कि बिना किसी ठोस जांच के पुलिस ने हार्टअटैक का निष्कर्ष कैसे निकाल लिया।
परिजनों का मानना है कि प्रतीक के साथ कोई साजिश की गई है और उसकी हत्या कर शव को झाड़ियों में फेंका गया, लेकिन पुलिस केवल अपने निष्कर्ष पर अड़ी हुई है। परिजनों की आशंका है कि यदि पुलिस मामले को ठीक से जांचती, तो सच्चाई सामने आती और न्याय मिल पाता।