बिना हेलमेट… जुर्माना 1000/-
नो पार्किंग में पार्किंग करना… जुर्माना 3000/-
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं… जुर्माना 2000/-
इन्सुरेंस नही है… जुर्माना 2000/-
शराब पी कर वाहन चलाना… जुर्माना 10000/-
नो एंट्री में वाहन चलाना… जुर्माना 5000/-
बिना सीट बेल्ट….. जुर्माना 1000/-
इमरजेंसी व्हीकल को रास्ता न देना….. जुर्माना 10000/-
नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाना…. जुर्माना 25000/-
मोबाईल फोन पे बात करना… जुर्माना 2000/-
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं… जुर्माना 1100/-
ट्रिपल सीट ड्राइविंग… जुर्माना 2000/-
खराब सिग्नल… कोई जिम्मेदार नहीं है!
सड़क पर गड्ढ़े… कोई जिम्मेदार नहीं है!
अतिक्रमित फुटपाथ… कोई जिम्मेदार नहीं है!
सड़क पर रोशनी नहीं… कोई जिम्मेदार नहीं है!
सड़क पर कचरा बह रहा है…कोई जिम्मेदार नहीं है!
सड़कों पर लाइट के खंभे नहीं… कोई जिम्मेदार नहीं है!
खुदी सड़क कोई मरम्मत नहीं… कोई जिम्मेदार नहीं है!
गड्ढों में गिर कर आप गिरो चोटिल हो जाएँ… कोई जिम्मेदार नही है!
आवारा जानवर टकरा जाए कुत्ता काट ले… कोई जिम्मेदार नहीं!
ऐसा लगता है कि जनता ही एकमात्र अपराधी है और जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी है। प्रशासन, निगम और सरकार की कोई जिम्मेदार नहीं है। उनके लिए कोई नियम लागू नहीं होते हैं। वे किसी भी चूक के लिए कभी ज़िम्मेदार नहीं हैं।
क्या उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए ????
नागरिक केवल काम करेंगे… दर्द का सामना करेंगे… कर चुकाना होगा… जुर्माने का भुगतान करेगा… सरकार की जेब भरें… और उन्हें फिर से सत्ता में वोट दें !
नौकरी 15 हजार की भी नहीं और चालान 10 हजार का
ई तो हद हो गई वो भी भयंकर वाली….
आप लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन है कि इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकी यह बात उन्हें भी पता चलनी चाहिए जिन्होंने यह नियम बनाया हे।
🙏🙏🙏