01.06.2024
प्रशासनिक अधिकारी समेत 6 लोग गैंगस्टर और हत्या में दोषी करार, विजय कुमार गुप्ता हत्याकांड का है केस
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अयोध्या
शहर के बहुचर्चित विजय कुमार गुप्ता हत्याकांड में कलक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी रामकृष्ण तिवारी समेत छह लोगों को कोर्ट ने गैंगस्टर और हत्या समेत अन्य धाराओं में दोषी पाते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। सजा के प्रश्न पर सुनवाई तीन जून को होगी। फैसला विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट के जज मोहिंदर कुमार की अदालत से शुक्रवार को हुआ।
गिरोह बंद अधिनियम के विशेष लोक अभियोजक विकास शुक्ला और जितेंद्र तिवारी ने बताया कि घटना 25 अप्रैल 2000 की है। कोतवाली नगर के साहबगंज मोहल्ला निवासी श्यामसुंदर गुप्ता के भतीजे विश्वनाथ और गगन उर्फ गोगा श्रीवास्तव के बीच पान खाकर थूकने के मामले को लेकर विवाद हो गया था। गोगा ने यह बात अपने घर बताई। इसके बाद श्रीकृष्ण तिवारी(भाजपा नेता), रामकृष्ण तिवारी ( वर्तमान में कलेक्ट्रेट में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी),राजन उर्फ़ हरि कृष्ण तिवारी, गगन उर्फ गोगा श्रीवास्तव, साजिद व अजय कुमार द्विवेदी असलहा व तलवार से लैस होकर घटनास्थल पर पहुंचे। लाइसेंसी बंदूक व तमंचे से फायरिंग कर दी। गोली लगने से विजय कुमार गुप्ता और उनके पिता श्याम सुंदर गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गये। परिवारीजनों ने दोनों को जिला चिकित्सालय पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने विजय कुमार को मृत घोषित कर दिया, पिता का कई दिन तक इलाज चला। इसकी रिपोर्ट घायल श्याम सुंदर के पिता अयोध्या कुमार गुप्ता ने सभी के खिलाफ जानलेवा हमला, हत्या ,जान से मारने की धमकी देने समेत अन्य धाराओं में लिखाई थी।
प्रशासन ने भी सभी आरोपियों पर गिरोह बंद अधिनियम के तहत कार्रवाई की थी। विवेचना के बाद पुलिस ने सभी धाराओं में आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी छह अभियुक्तों को जानलेवा हमला ,हत्या व गैंगस्टर अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।