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मुख्यमंत्री की पहली बैठक संपन्न अगले तीन माह मुफ्त राशन के लिए कैबिनेट की मुहर

Lucknow: सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद की शपथ (Oath) लेने के चंद घंटों बाद अपने नवगठित मंत्रिमंडल (newly formed cabinet) के सदस्यों के साथ पहली बैठक की. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी ने यहां लोक भवन में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ अपनी पहली बैठक में कहा, ”मंत्रियों को जनता और प्रदेश की सेवा करने का एक पुनीत अवसर मिला है. इस अवसर को उपलब्धि में बदलते हुए प्रदेश के विकास और जनता की खुशहाली के लिए हम सभी को निरंतर प्रयासरत रहना होगा. मंत्री समय से अपने कार्यालय में उपस्थित होकर कार्यों का निस्तारण करें. सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रियों के कार्य, व्यवहार और आचरण पर सभी की नजर रहती है.”
फाइलों का तुरंत करें निस्तारणफाइलों का तुरंत करें निस्तारण
सीएम योगी ने कहा, ”ऐसी स्थिति में सभी मंत्री सादगी और शुचिता का उदाहरण पेश करें. उनके सार्वजनिक जीवन से जुड़े दायित्वों एवं कार्यों में परिवार का किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. इसी के साथ मंत्री अपने निजी स्टाफ पर भी विशेष ध्यान देते हुए उनकी गतिविधियों पर नजर रखें. सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता एवं ईमानदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने कार्यों को नीति एवं नियमों के अंतर्गत पूरा किए जाने पर जोर दिया. फाइलों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए और किसी भी स्थिति में पत्रावलियां लंबित नहीं रहनी चाहिए.”
जनता के साथ रखें प्रभावी संपर्क
सीएम ने कहा, ”जनप्रतिनिधि होने के नाते मंत्रियों का जनता के साथ प्रभावी संपर्क और संवाद होना चाहिए. जनता की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए नियमित जन-सुनवाई की जाए.
राज्यपाल के साथ मंत्रिमंडल की बैठक प्रस्तावित की जाए. प्रदेश के विकास को नई गति प्रदान करने के लिए आईआईएम लखनऊ में मंत्रिमंडल के सदस्यों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएं.” योगी ने मंत्रियों को निर्देश दिया कि विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही भौतिक सत्यापन करते हुए जनता से इसके संबंध में फीडबैक प्राप्त करें.

सीएम योगी ने कहा, ”ऐसी स्थिति में सभी मंत्री सादगी और शुचिता का उदाहरण पेश करें. उनके सार्वजनिक जीवन से जुड़े दायित्वों एवं कार्यों में परिवार का किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. इसी के साथ मंत्री अपने निजी स्टाफ पर भी विशेष ध्यान देते हुए उनकी गतिविधियों पर नजर रखें. सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता एवं ईमानदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने कार्यों को नीति एवं नियमों के अंतर्गत पूरा किए जाने पर जोर दिया. फाइलों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए और किसी भी स्थिति में पत्रावलियां लंबित नहीं रहनी चाहिए.”
जनता के साथ रखें प्रभावी संपर्क
सीएम ने कहा, ”जनप्रतिनिधि होने के नाते मंत्रियों का जनता के साथ प्रभावी संपर्क और संवाद होना चाहिए. जनता की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए नियमित जन-सुनवाई की जाए.
राज्यपाल के साथ मंत्रिमंडल की बैठक प्रस्तावित की जाए. प्रदेश के विकास को नई गति प्रदान करने के लिए आईआईएम लखनऊ में मंत्रिमंडल के सदस्यों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएं.” योगी ने मंत्रियों को निर्देश दिया कि विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही भौतिक सत्यापन करते हुए जनता से इसके संबंध में फीडबैक प्राप्त करें.

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