भारत-ऑस्ट्रेलिया की वर्चुअल मीटिंग आज 1500 करोड़ की द्विपक्षीय डील संभव दिल संभव
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नई दिल्लीः भारत और ऑस्ट्रेलिया (India Australia PM meet) के प्रधानमंत्रियों की सोमवार को वर्चुअल बैठक होगी, जिसमें 1500 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की जा सकती है.
बैठक से एक दिन पहले क्वाड के सदस्य ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) पर भारत के रुख का समर्थन किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल (Barry O’Farrell) ने कहा है कि रूस को लेकर भारत ने जिस तरह का रुख दिखाया है, उससे हम नाखुश नहीं हैं. हर देश के अपने द्विपक्षीय संबंध होते हैं और भारत उसी के हिसाब से काम कर रहा है. क्वाड के सभी देशों ने भारत के इस रुख को स्वीकार कर लिया है.
ऑस्ट्रेलिया का ये बयान ऐसे समय आया है, जब यूक्रेन पर हमले को लेकर अमेरिका आदि देश रूस पर तगड़ी पाबंदियां लगा रहे हैं और भारत पर दवाब डाल रहे हैं कि वो रूस के खिलाफ आए. लेकिन भारत तटस्थ रहकर बातचीत से इस मसले को सुलझाने पर जोर दे रहा है. अमेरिका आदि देशों की अपील को अनदेखा करते हुए भारत ने रूस से सस्ते दामों पर तेल खरीदने का भी फैसला किया है. इससे पश्चिमी देशों में बैचेनी है. उनका कहना है कि इससे रूस के खिलाफ लगे प्रतिबंधों की धार कमजोर पड़ जाएगी.
भारत शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में
भारत को छोड़कर क्वाड के बाकी तीनों सदस्य देश अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान रूस को सबक सिखाने के पक्ष में हैं. इसके लिए सभी ने कई तरह की पाबंदियां भी लगी रखी हैं. एक दिन पहले ही जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का मसला भी उठा था. बाद में जापानी पीएम ने पत्रकारों से बातचीत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि किसी भी व्यक्ति को ताकत के बल पर मौजूदा वैश्विक व्यवस्था को बदलने की इजाजत नहीं दी जा सकती. उन्होंने दोहराया कि जापान यूक्रेन की मदद करता रहेगा. भारत और जापान दोनों ही मौजूदा संकट का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं.
‘क्वाड ने भारत का पक्ष स्वीकार किया’
पीटीआई के मुताबिक, भारत और ऑस्ट्रेलिया के पीएम की वर्चुअल मीटिंग से पहले ऑस्ट्रेलियाई हाई कमिश्नर बैरी ओ फैरेल (Barry O’Farrell) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय विदेश मंत्रालय कह चुके हैं कि वो अपने संबंधों का इस्तेमाल करके रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं. ऐसे में कोई देश इससे नाखुश नहीं हो सकता. क्वाड के सभी देशों ने भारत के रुख को स्वीकार कर लिया है.
रिपोर्ट बताती है कि पीएम नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन के बीच सोमवार को होने वाली बैठक में आपसी सहयोग बढ़ाने के कई ऐलान हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया भारत में 1500 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा कर सकता है. दोनों देशों के बीच स्वच्छ प्रौद्योगिकी, खनिज, लीथियम, अंतरिक्ष सहयोग और व्यापार आदि के क्षेत्र में भी समझौते हो सकते हैं. इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सामान और सेवाओं को लेकर अंतरिम डील मार्च के आखिर तक फाइनल होने की उम्मीद है. इसके तहत कृषि और डेयरी सेक्टर को निवेश के लिए खोलने को लेकर भारत ने कई आशंकाएं जताई थीं, जिसके बाद ये डील टल गई थी.