उत्तरप्रदेश

बीजेपी के एक फैसले ने इन नेताओं के लिए बंद कर दिए 5 साल के रास्ते

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में योगी सरकार प्रचंड बहुमत के साथ वापसी की है, लेकिन बीजेपी के कई दिग्गज नेता अपनी सीट नहीं बचा सके हैं. ऐसे में माना जा रहा था कि हारे हुए कद्दावर नेता विधान परिषद चुनाव में उतर सकते हैं, लेकिन बीजेपी ने फैसला किया है कि हारे हुए किसी भी नेता को एमएलसी नहीं बनाएगी.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली है. 37 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब किसी सत्ताधारी दल को यूपी की जनता ने दोबारा राज्य की कमान सौंपी है. बीजेपी की प्रचंड जीत के बावजूद योगी सरकार के 11 मंत्रियों सहित कई दिग्गज नेता अपनी सीट नहीं बचा सके. ऐसे में माना जा रहा था कि विधान परिषद के जरिए विधानमंडल पहुंचने का इन नेताओं का सपना साकार हो सकता है, लेकिन बीजेपी अगर अपने फैसले पर कायम रही तो हारे दिग्गजों को सदन पहुंचने के लिए पांच साल का इंतजार करना होगा?

यूपी के केशव प्रसाद मौर्य सहित सुरेश राणा, मोती सिंह, सतीश चंद्र द्विवेदी और संगीत सोम जैसे बीजेपी के दिग्गज नेताओं को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है. केशव प्रसाद मौर्य भले ही चुनाव हार गए हों, लेकिन मौजूदा समय में विधान परिषद के सदस्य हैं. वहीं, बाकी नेता न तो विधान परिषद में और न ही अब विधानसभा में. ऐसे में बीजेपी ने फैसला किया है कि हारे हुए नेताओं को एमएलसी चुनाव में नहीं उतारेगी, जिसके चलते दिग्गजों को विधानमंडल पहुंचने की राह में मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.

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