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पटना हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने भ्रष्टाचार मामले में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर (वीसी) राजेन्द्र प्रसाद उर्फ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को तत्काल राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 9 मई, 2022 तक रोक लगा दी है। जस्टिस आशुतोष कुमार (Justice Ashutosh Kumar) की एकलपीठ ने डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “मामलों की सुनवाई की अगली तारीख (9 मई) तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।”

विशेष सतर्कता यूनिट की ओर से पेश स्पेशल पी.पी. राणा विक्रम सिंह ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। कोर्ट ने आदेश दिया कि उक्त मामले में काउंटर हलफनामा अगली तिथि तक सकारात्मक रूप से दाखिल किया जाए। याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम संरक्षण दिया गया था, जो 26 अप्रैल, 2022 को समाप्त हो गया है। राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (अपराध करने के लिए रची गई आपराधिक साजिश), धारा 420(जालसाजी) और भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।

विशेष सतर्कता यूनिट की ओर से पेश स्पेशल पी.पी. राणा विक्रम सिंह ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। कोर्ट ने आदेश दिया कि उक्त मामले में काउंटर हलफनामा अगली तिथि तक सकारात्मक रूप से दाखिल किया जाए। याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम संरक्षण दिया गया था, जो 26 अप्रैल, 2022 को समाप्त हो गया है। राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (अपराध करने के लिए रची गई आपराधिक साजिश), धारा 420(जालसाजी) और भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।इसके अलावा, याचिकाकर्ता की ओर से यह प्रस्तुत किया गया था कि प्राथमिकी के अनुसार, आरोप विशेष रूप से इस धारणा पर आधारित है कि याचिकाकर्ता कागज और अन्य सामग्री की खरीद के संबंध में नियमों को दरकिनार करके अतिरिक्त लाभ कमाया, जिससे सरकार को नुकसान हुआ है। स्पेशल सतर्कता यूनिट के वकील ने प्रस्तुत किया था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कई और गंभीर आरोप हैं जो जांच के दौरान सामने आए हैं, वे अगली तारीख को काउंटर हलफनामे के माध्यम से तथ्य रिकॉर्ड में लाए जाएंगे। इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाइकोर्ट को कहा था कि मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के भीतर पूरा किया जाए। साथ उनकी गिरफ्तारी पर तत्काल रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को पारित किया था। याचिकाकर्ता ने पटना हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत के साथ ही अपने ऊपर चल रहे आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए अलग अलग दो याचिका दायर किया है। अब मामले की अगली सुनवाई 09 मई, 2022 को होगी।

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