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कानपुर हिंसा की 6 अनकही कहानियां: मुस्लिमों ने ही लूट ली मुस्लिम की दुकान, जान बचाने के लिए लोगों को चलाने पड़े पत्थर

मैं बेटी के साथ बाजार जा रही थी। अभी घर से कुछ दूर निकले ही थे कि अचानक लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आईं। थोड़ा आगे बढ़े तो फायरिंग की भी आवाज सुनी। अचानक हमारे सामने हजारों लोगों की भीड़ दिखी। हम डर से कांप रहे थे। मेरी बेटी तो रोने लगी थी। हम उल्टे पांव दौड़ते-हांफते घर भागे।

भीड़ हमारे पीछे थी, वो हमारे घरों पर पत्थर फेंकने लगी। जैसे-तैसे घर के अंदर जाकर हमने सभी दरवाजे बंद कर लिए। कानपुर में शुक्रवार को हुई हिंसा को अपने आंखों के सामने देखने वाली एक महिला ने ये बातें कहीं।

किसी की दुकान लूट ली, कोई घायल हो गया तो कोई बहुत मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भगा। दैनिक भास्कर ने घटना के 24 घंटे बाद 6 लोगों से बात की। लोग अब भी डर से बाहर नहीं आ पाए हैं। 6 लोगों की कुछ बातें हम नीचे बता रहे हैं।

1. पुलिस वाला आया और हमको मार खाते देखकर चला गया

कल्पना त्रिवेदी और सुमन ने बताई बवाल की पूरी कहानी।
कल्पना त्रिवेदी और सुमन ने बताई बवाल की पूरी कहानी।

हाते में रहने वाली कल्पना ने बताया, ‘दोपहर के करीब डेढ़ बजे थे। कुछ सामान लेने हम मार्केट गए थे। हमने देखा कि हजारों की भीड़ वहां खड़ी है। दो लड़कों को बात करते सुना कि माहौल खराब होने वाला है। मेरी बेटी रोने लगी। हम तुरंत अपनी बेटी को लेकर घर की तरफ भागे। पर घर पहुंचने से पहले ही वहां पत्थर चलने शुरू हो गए। बहुत मुश्किल से हम घर पहुंचे। पर यहां हाते में घर की छतें नीचे हैं। आसपास मुस्लिमों के घर ऊंचे-ऊंचे बने हैं। घरों में भी हमारे ऊपर पत्थरबाजी शुरू हो गई। अपनी जान बचाने के लिए सामने से हमें भी पत्थर चलाने पड़े।’ ​ वो बोलीं, ‘एक पुलिस वाला आया और देखकर चले गए। हम लोग मार खा रहे और उन्हें कोई मतलब ही नहीं। बाद में फोर्स ने आकर मामला शांत कराया।’

2. पति की मौत के बाद खोली दुकान उसे भी तोड़ दी

गीता कश्यप ने बताई बवाल के बाद की आपबीती।
गीता कश्यप ने बताई बवाल के बाद की आपबीती।

हाते में रहने वाली गीता कश्यप ने रुंधे गले से बताया कि उनके पति की पहले ही मौत हो चुकी है। लोगों से कर्जा लेकर हाते के मेन गेट पर हमने एक दुकान खोली थी। अचानक हमले होने लगे। हमें दुकान बंद करने का भी वक्त नहीं मिला। दुकान का खोखा तोड़ दिया और सामान लूट गया

3. खाना खाने घर आए थे, भीड़ ने हमला कर दिया

संजय ने कहा हम कुछ समझ पाते उससे पहले ही भीड़ ने पत्थर चलाना शुरू कर दिया।
संजय ने कहा हम कुछ समझ पाते उससे पहले ही भीड़ ने पत्थर चलाना शुरू कर दिया।

प्राइवेट नौकरी करने वाले अमन बाथम चंदेश्वर हाते में रहते हैं। वो दोपहर में अपने घर खाना खाने आए थे। तभी कुछ लोगों ने घेर कर उनके ऊपर पत्थरों से हमला कर दिया। उनके पैर और कंधे पर चोटें भी आईं। उन्होंने कहा, ‘हेलमेट पहने था बस इसलिए सिर में चोट नहीं आई। किस्मत अच्छी थी कि बच गया।’

4. मुस्लिमों ने ही लूट लिया मुस्लिम का सामान

नावेद की दुकान का सामान मुस्लिमों ने ही लूट लिया।
नावेद की दुकान का सामान मुस्लिमों ने ही लूट लिया।

नावेद कॉन्फेक्शनरी की दुकान चलाते थे। उन्होंने बताया, ‘जब बवाल शुरू हुआ तब दुकान के लिए कॉन्फेक्शनरी का सामान लोड हो रहा था। अचानक सामने से भीड़ दौड़ती हुई आई और गाड़ी को लूटना शुरू कर दिया। हमने जैसे-तैसे दुकान का शटर गिराया, वरना हमारी पूरी दुकान वो लोग लूट ले जाते।’

5. हम 10 लोग थे और सामने हजारों की भीड़
स्थानीय निवासी संजय शुक्ला भी पत्थरों के हमले में घायल हुए। उन्होंने बताया कि हाते में मुश्किल से करीब 10 से 12 मर्द थे। हम लोग बचने की कोशिश ही कर रहे थे तब तक एक पत्थर सिर में आकर लगा। बचते हुए हॉस्पिटल पहुंचे और इलाज कराया। हाते के करीब 6 लोग घायल हैं। सब अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।

6. उन्नाव से आए थे, भीड़ ने 50 हजार का सामान लूट लिया

जुगुल किशोर कश्यप ने बताई आपबीती।
जुगुल किशोर कश्यप ने बताई आपबीती।

उन्नाव से अपने ननिहाल आए जुगुल किशोर कश्यप ने बताया कि मैं किराए पर गाड़ी लेकर आया था। गाड़ी के पूरे शीशे तोड़ दिए गए। गाड़ी में रखा करीब 50 हजार रुपए का सामान भी लोगों ने लूट लिया। यहां आने में अब डर लगने लगा है। डीएम से इस मामले में शिकायत की है।

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