जनार्दन पांडे शेखर न्यूज़ संवाददाता अयोध्या
अयोध्या।
वर्तमान परिस्थितियों में देश के समग्र विकास हेतु सभी देशवासियों की सहभागिता समय की मांग है। आज जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 में वर्ष में चल रहा है और भारतीय गणराज्य का अमृत महोत्सव आने वाला है। ऐसे समय में सर्वांगीण विकास हेतु समाज में एक व्यापक सकारात्मक जनांदोलन की आवश्यकता है। उक्त बातें विवेकानंद सेवा मंच के चिंतन शिविर में मंच के संरक्षक ई. रवि तिवारी ने कहीं। सोसायटी फॉर एजुकेशन वेलफेयर एंड अवेयरनेस के प्रकल्प विवेकानंद सेवा मंच के द्वारा आयोजित चिंतन शिविर में जनपद के विभिन्न सुदूर ग्रामीणांचल से लेकर शहरी क्षेत्रों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस चिंतन शिविर में विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार विमर्श हुआ।
चार सत्रों में आयोजित इस चिंतन शिविर में आर्थिक, सामाजिक आध्यात्मिक और जन जागरूकता के विभिन्न विषयों पर गहन विचार विमर्श किया गया। चिंतन शिविर के समापन सत्र में बोलते हुए मंच के संरक्षक ई. रवि तिवारी ने कहा कि आज दिनभर चले लंबे विमर्श के दौरान एक बात ध्यान में आती है कि समाज के सभी वर्गों में विकास की एक छटपटाहट सी महसूस की जा रही है। आज समय की मांग है कि 137 करोड़ देशवासी अपने अपने सकारात्मक प्रयासों को एक आंदोलनात्मक रूप देकर निरंतर कार्यरत हों और मां भारती को विश्वगुरु के स्थान पर स्थापित करने के अभियान में सभी की सहभागिता सुनिश्चित हो। सुशासन के पर्याय के रूप में संपूर्ण संसार में रामराज्य एक आदर्श राज्य व्यवस्था के रूप में सर्वस्वीकृत है। एक आदर्श समाज के विकास हेतु सभी प्रकार के पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर समाज के प्रत्येक घटक को विकास हेतु निरंतर कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस निमित्त अयोध्या को केंद्र बनाकर भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष से लेकर भारतीय गणराज्य के अमृत महोत्सव वर्ष तक एक व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
चिंतन शिविर में वशिष्ठ पीठाधीश्वर तीन कलश तिवारी मंदिर के महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने उपस्थित प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए कहा कि आज आवश्यकता है सभी अपने हृदय में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शों को स्थापित करते हुए समाज को एक आदर्श दिशा प्रदान करने के लिए प्रयासरत हों। हम सभी को अपने व्यक्तिगत विकास को समग्र राष्ट्रीय विकास के साथ जोड़ना होगा। जिसके लिए समाज के सभी वर्गों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए गांव-गांव, घर-घर एक आध्यात्मिक एवं सामाजिक जनजागरण की आवश्यकता है। इस हेतु विवेकानंद सेवा मंच द्वारा प्रस्तावित स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष से भारतीय गणराज्य के अमृत महोत्सव वर्ष तक अभियान सराहनीय है। इसमें हम सभी को पूर्ण मनोयोग से लगकर इसे पूर्णता प्रदान करना चाहिए।
मंच द्वारा आयोजित विभिन्न सत्रों में अलग-अलग विशेषज्ञों द्वारा विषय प्रवर्तन किया गया। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार बलराम तिवारी, डॉ विकास पांडे, राजेश श्रीवास्तव, राम कुमार गुप्ता, डॉ. उपेंद्र मणि त्रिपाठी, वेद प्रकाश गुप्त, राधेश्याम त्यागी एवं अशोक कसौधन ने अलग-अलग विषय की प्रस्तावना रखी।
प्रतिष्ठित व्यवसाई सूर्य प्रकाश सिंह ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सभी व्यक्तियों को भारत के विकास में अपने अपने स्तर पर अपनी क्षमता के अनुसार आर्थिक संसाधनों को खड़ा करने का प्रयत्न करना चाहिए। जिससे भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के स्वप्न को साकार किया जा सके।
अयोध्या परिक्षेत्र के अग्रणी बीमा अभिकर्ता राम कुमार गुप्ता ने कहा कि पिछले दो वर्ष जिस प्रकार से सारे संसार ने कोरोना की महामारी में बिताए हैं, उसने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि स्वास्थ्य जागरूकता के बिना सभी प्रकार के प्रयास अधूरे रह जाएंगे। इसलिए योग एवं जनस्वास्थ्य के निमित्त व्यापक जन जागरूकता की आवश्यकता है।
इनकम टैक्स और सेल टैक्स के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव ने उपस्थित प्रतिनिधियों के बीच में संबोधन करते हुए कहा कि आर्थिक जगत में सबकी सहभागिता सुनिश्चित करता हुआ कुछ ऐसे प्रकल्प अयोध्या जनपद में शुरू किए जाने चाहिए। जिससे सभी को काम मिल सके और वह अपना अपना योगदान देश के विकास में कर सकें। इसके लिए व्यापक योजना बनाने की आवश्यकता है और सरकार पर निर्भर रहने के बजाय समाज को सहकारिता के आधार पर आर्थिक संसाधनों को खड़ा करना पड़ेगा।
सुशासन विषय पर चिंतन को आगे बढ़ाते हुए अशोक कसौधन ने कहा कि भारतीय गणराज्य की मजबूती के लिए पंचायतीराज व्यवस्था एवं ग्राम स्वराज व्यवस्था को मजबूत करके ग्राम पंचायत से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक राष्ट्र प्रथम की भावना से प्रेरित विशाल जन जागरण आवश्यक है। जिससे भारत अपनी गणतंत्रता के अमृत महोत्सव में दुनिया के सामने एक आदर्श बन कर प्रस्तुत हो सके। अन्यान्य विषयों पर गहराई से चिंतन करते हुए विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव विवेकानंद सेवा मंच द्वारा पारित किए गए। उन प्रस्तावों में मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम स्वराज्य, सामाजिक सौहार्द एवं अयोध्या के मर्यादा पूर्ण आचरण के संकल्प को देखते हुए गांव गांव तक विशाल जन जागरूकता के कार्यक्रमों के आयोजन की सर्वसम्मति से योजना पारित की गई।
इस अवसर पर राधेश्याम त्यागी, बृजेंद्र दुबे, वेद प्रकाश गुप्ता, प्रवीण सिंह एडवोकेट सर्वजीत सिंह, सुधीर गुप्ता, विपिन पांडे, राजीव पाठक आदि समाज के प्रबुद्ध युवा एवं प्रतिनिधियों की सहभागिता रही।