उत्तरप्रदेश

जापानियों को लुभा रहा ग्रेटर नोएडा, नरेंद्र भूषण ने कहा- इतनी संभावनाएं और कहां? 

Greater Noida : इंडिया-जापान के संयुक्त फोरम पर ग्रेटर नोएडा ने अपनी चमक बिखेरी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और आईआईटी जीएनएल के एमडी नरेंद्र भूषण ने शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर, एयर-रोड कनेक्टीविटी और औद्योगिक निवेश के माकूल माहौल को पेश करते हुए जापान के निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। दरअसल, रविवार को आईआईटी एल्युमनी एसोसिएशन जापान की पहल पर जापान में भारतीय दूतावास की तरफ से इंडिया-जापान फाइनेंस हाइटेक एचआर फोरम पर वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें जापानी उद्यमी, अफसर और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण शामिल हुए।

अब ग्रेटर नोएडा से मुंबई और कोलकाता तक माल भेजना आसान
नरेंद्र भूषण ने सेमिनार में ग्रेटर नोएडा और आईआईटी जीएनएल के इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया। ग्रेटर नोएडा और आईआईटी जीएनएल में औद्योगिक निवेश के लिए जापान के निवेशकों का ध्यान खींचा। उन्होंने कहा कि मुंबई और कोलकाता को दिल्ली से जोड़ने वाले ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का केंद्र ग्रेटर नोएडा है। इसके जरिए दिल्ली से मुंबई और कोलकाता तक औद्योगिक माल की ढुलाई बहुत आसान होगी। सीईओ ने बताया कि दिल्ली से 30 मिनट की दूरी पर स्थित ग्रेटर नोएडा में कई और वर्ल्ड क्लास प्रोजेक्ट आ रहे हैं।

शहर में 15 हजार करोड़ रुपये से दो बड़े हब बन रहे हैं
सीईओ ने उद्यमियों को बताया कि ग्रेटर नोएडा और नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कार्पोरेशन के संयुक्त प्रयास से नई दादरी रेलवे स्टेशन के पास मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जा रहा है। मल्टीमॉडल टांसपोर्ट हब करीब 145 हेक्टेयर में बनेगा। यहां से रेल, रोड, बस और मेट्रो की बेहतर कनेक्टीविटी होगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 11 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी तरह करीब 334 हेक्टेयर में बन रहे मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब से औद्योगिक मॉल ढुलाई को नई गति मिलेगी। रेल मार्ग और ट्रकों के जरिए औद्योगिक उत्पाद कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकेगा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 4,600 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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