
संसद का शीत सत्र आज से शुरू हो रहा है और विपक्ष ने जाहिर कर दिया है कि इस बार भी हंगामा होने के आसार हैं.
सरकार तीन विवादित कृषि क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा पहले ही कर चुकी है. सत्र के पहले ही दिन सरकार इन्हें वापस लेने का विधेयक जारी कर सकती है. इससे पहले शीत-सत्र की पूर्व संध्या सरकार की बुलाई सर्व-दलीय बैठक में किसानों का मुद्दा ही हावी रहा.
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल नहीं हुए. वहीं आम आदमी पार्टी ने बैठक का बहिष्कार किया. विपक्ष के अलावा बीजेपी के साथ दिखने वाली कई पार्टियों ने भी किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग का समर्थन किया है.
सर्वदलीय बैठक में कई दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को जल्द पेश किए जाने की मांग भी की है. शीत्र सत्र से ठीक पहले हुई इस बैठक में वामपंथी दलों ने बैठक में प्रधानमंत्री के न शामिल होने का मुद्दा
वहीं तृणमूल कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने फ़ायदा कमा रही सार्वजनिक कंपनियों को ना बेचने की अपील की. विपक्षी दलों ने इस बैठक में महंगाई, बेरोजगारी, पेगासस, महिला आरक्षण बिल, बीएसएफ का क्षेत्र विस्तार के मुद्दों को भी ज़ोर शोर से उठाया.