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पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती स्कैम: ईडी ने जब्त की अर्पिता मुखर्जी की 31 एलआईसी पॉलिसी, पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को बनाया है नॉमिनी

West Bengal ssc recruitment scam: गौरतलब है कि मामला पश्चिम बंगाल की राजनीति में शिक्षक भर्ती घोटाले ने हलचल मचा रखी है। भाजपा के शुभेंदू अधिकारी ने टीएमसी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस मामले में पार्थ चटर्जी तो सिर्फ मोहरा है, इसकी सरगना तो खुद सीएम हैं।

West Bengal ssc recruitment scam: पश्चिम बंगाल के कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में नई जानकारी सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को अदालत में बताया कि अर्पिता मुखर्जी के नाम पर 31 जीवन बीमा पॉलिसियां हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। अहम बात यह है कि इन पॉलिसियों में पार्थ चटर्जी को नॉमिनी बनाया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा है कि उन्हें एक पार्टनरशिप फर्म के दस्तावेज भी मिले हैं।

बता दें कि ईडी की रिमांड की मांग वाली कॉपी में बताया गया कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता किस प्रकार की मिलीभगत के साथ काम कर रहे थे। हालांकि इस मामले में यह पहली बार था जब केंद्रीय एजेंसी ने अदालत के समक्ष दोनों के बीच सीधा संबंध दिखाया। बता दें कि कोलकाता के स्पेशल कोर्ट ने चटर्जी और मुखर्जी को पांच अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

ईडी की रिपोर्ट में बोलपुर में एक संयुक्त संपत्ति के हस्तांतरण का जिक्र है जो अर्पिता और पार्थ के रिश्तेदारों से जुड़े थे। जिसका कार्यालय बेलघरिया में क्लब टाउन हाइट्स के फ्लैट में पंजीकृत पाया गया। ईडी ने यहां से 27.9 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। ईडी के सूत्रों ने कहा कि अब तक अर्पिता के दो फ्लैटों से 49.8 करोड़ रुपये नकद और आभूषण जब्त किए हैं। ये दोनों फ्लैट, एक टॉलीगंज के पास डायमंड सिटी साउथ में और दूसरा बेलघरिया में क्लब टाउन हाइट्स में हैं। दोनों अर्पिता मुखर्जी के नाम पर पंजीकृत थे।

पार्थ चटर्जी नहीं कर रहे सहयोग:

ईडी ने अदालत से कहा है कि जांच में पार्थ चटर्जी सहयोग नहीं कर रहे हैं और ज्यादातर सवालों के जवाब में खामोश रहते हैं। वहीं पार्थ चटर्जी का कहना है कि उन्हें साजिश का शिकार बनाया गया है।

गौरतलब है कि मामला पश्चिम बंगाल की राजनीति में शिक्षक भर्ती घोटाले ने हलचल मचा रखी है। भाजपा के शुभेंदू अधिकारी ने टीएमसी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस मामले में पार्थ चटर्जी तो सिर्फ मोहरा है, इसकी सरगना तो खुद सीएम हैं। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार से इस्तीफे की भी मांग की है। बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी का नाम आने के बाद से ममता सरकार ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया है।

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