परसपुर (गोण्डा): शोहदये इस्लाम और नवासये रसूल इमाम हुसैन की सहादत की याद ताजा करते हुए माह मुहर्रम के शुरू होते ही जिले में या हुसैन की सदाएं गूंजने लगी है । और लोगों के घरों से लेकर चौक चौराहों पर मजलिसों का दौरा चलने लगा है इसी क्रम में गोंडा जिले के परसपुर में प्रत्येक घरों मे मजलिसें आयोजित कर मजलिसों के जरिए शहीदाने कर्बला की याद दिलाई गई और इसी से ताल्लुक रखते हुए नोहा ख्वानी भी की जा रही है । गोंडा शहर के परसपुर कस्बा में शनिवार को सातवीं का जुलूस अपने परंपरा के मुताबिक बड़े ही धूमधाम से निकला गया जो 48 घंटो तक अनवरत चलते रहने के बाद 8 तारीख की देर रात को समाप्त किया जाएगा । इस दौरान हजरत हुसैन के दीवानों द्वारा उनकी शहादत के गमों में लबरेज होकर मातम करते व नेजों से अपने सीने को लहूलुहान कर हम का इजहार कर रहे है । ऐतिहासिक गाथाओं के मुताबिक इस्लाम धर्म के संस्थापक रसूल खुदा हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत हुसैन की इराक के कर्बला में जंग हुई थी।इसी जंग में हजरत हुसैन में अपने परिवार के 72 लोगों जिनमे बूढ़े बच्चे और औरते शामिल थे ने अपने चहेते नाना जान और रसूल खुदा के दीन को बचाने के लिए लाखों की तादाद में मौजूद यजीदी लश्गर से जंग करते हुए शहीदी का जाम पिया था उसी की याद में आज के इस दौर में ये मोहर्रम का पर्व मनाया जाता है । जिसमें जुलूसों के अलावा अजादारी के साथ साथ ताजियेदारी भी की जाती है । सातवीं मोहर्रम जुलूस के दौरान परसपुर कस्बे के चौक चौराहों पर पुलिस फोर्स मौके पर मुस्तैद रही है ।
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