WhatsApp Image 2024-01-08 at 6.55.15 PM
WhatsApp Image 2024-01-08 at 6.55.16 PM (1)
WhatsApp Image 2024-01-08 at 6.55.16 PM (2)
WhatsApp Image 2024-01-08 at 6.55.16 PM
WhatsApp Image 2024-01-08 at 6.55.17 PM (1)
IMG_20240301_142817
IMG_20240301_142817
IMG_20240301_142817
previous arrow
next arrow
राजनेतिकराष्ट्रीय

कांग्रेस में अब एक परिवार से एक ही टिकट:गांधी परिवार इस दायरे से बाहर, 5 साल से ज्यादा पद पर नहीं रहेंगे नेता

अगले चुनावों से पहले टिकट दिए जाने को लेकर कांग्रेस बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी कर रही है। अब एक परिवार से केवल एक ही टिकट मिलेगा। उदयपुर में चिंतन शिविर में संगठन में बदलाव और राजनीतिक मामलों पर बने पैनल ने य​ह सिफारिश की है।

कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी महासचिव अजय माकन ने उदयपुर में मीडिया से बातचीत में कहा- हमारे पैनल में यह चर्चा हुई है कि एक परिवार से एक टिकट के फार्मूला को लागू किया जाए। जिसे भी टिकट दिया जाए, उसने कम से कम 5 साल पार्टी में काम किया हो। सीधे टिकट नहीं दिया जाए। नए आने वालों नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन इस नियम में गांधी परिवार को छूट दी जाएगी। यह फार्मूला उन पर लागू नहीं होगा।

किसी नेता को तीन साल के कूलिंग पीरियड के बाद दूसरा पद मिले
माकन ने कहा- इस बात की भी सिफारिश की गई है कि पार्टी में लगातार 5 साल के काम करने के बाद किसी को दूसरा पद नहीं दिया जाए। कम से कम 3 साल का कूलिंग पीरियड रहे। तीन साल के गैप के बाद ही आगे कोई पद दिया जाए।

अगर किसी नेता का बेटा या दूसरा नेता टिकट लेना चाहता है तो उसे कम से कम पांच साल संगठन में काम करना होगा। कांग्रेस में 5 साल लगातार पद पर नहीं रहने का नियम लागू होने पर आधे से ज्यादा नेता बाहर हो जांगे। नेताओं के बेटों को भी पांच साल पार्टी में काम करने के बाद ही टिकट मिलेगा।

गांधी परिवार पर लागू नहीं होगा प्रावधान
जब माकन से गांधी परिवार पर यह प्रावधान लागू होने के बारे में पूछा तो कहा कि यह सवाल गांधी परिवार का नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव संगठन चुनाव की प्रक्रिया से होगा। चिंतन शिविर से कांग्रेस अध्यक्ष के चयन का कोई संबंध नहीं है।

अजय माकन ने इस तरह के संकेत भी दिए कि गांधी परिवार पर एक परिवार एक टिकट का प्रावधान लागू नहीं होगा। कांग्रेस ने एक परिवार-एक टिकट का फार्मूला लागू करने की सिफारिश की है, लेकिन बड़े सियासी परिवारों के लिए गली भी छोड़ दी है।

दरअसल, कांग्रेस नेता के परिवार के किसी दूसरे सदस्य को टिकट तभी दिया जाएगा, जब वह पांच साल से एक्टिव हो, यदि कोई नया सदस्य कांग्रेस में आता है तो उसे पहले 5 साल संगठन में काम करना होगा, उसके बाद ही टिकट मिलेगा। वहीं यह भी तय किया है कि अब पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया जाएगा, उन्हें भी पहले 5 साल संगठन में काम करना पड़ेगा। गौरतलब है कि कांग्रेस में बड़ी संख्या में पैराशूट उम्मीदवार उतारे जाते रहे हैं। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी ऐसा हो चुका है।।

चिंतन शिविर से पहले राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने संगठन में हो रहे बदलावों को लेकर जानकारी दी।

मुख्यमंत्रियों और कई परिवारों से एक से ज्यादा टिकट
कांग्रेस में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर कई मंत्रियों और नेताओं के परिवारों को एक से ज्यादा टिकट दिए जाते रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव में जोधपुर से ​टिकट दिया गया था। मंत्री महेंद्र जीत मालवीय की पत्नी रेशम मालवीय को बांसवाउ़ा जिला प्रमुख बनाया गया। वहीं मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा से सांसद हैं। कांग्रेस में राजनीतिक परिवारों की लंबी कतार है, जिन्हें बार बार टिकट मिला है।

राहुल गांधी ने की थी पैराशूटर्स को टिकट नहीं देने की घोषणा
कांग्रेस में पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट देने का पुराना ट्रेंड रहा है। पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान बांसवाड़ा की सभा में राहुल गांधी ने कहा था कि इस बार पैराशूटर्स की रस्सी आसमान से ही काट दी जाएगी। राहुल गांधी ने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले ही पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने की घोषणा की लेकिन दो महीने बाद ही इस पर यू टर्न ले लिया था। विधानसभा चुनावों में आधे घंटे पहले कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैयालाल झंवर को टिकट दिया गया। बीजेपी के तत्कलीन सासंद हरीश मीणा को भी टिकट दिया गया। दर्जन भर सीटों पर बाहर से आए उम्मीदार उतारे गए थे।

चिंतन शिविर के लिए उदयपुर पहुंचीं सोनिया गांधी का स्वागत किया गया। एक परिवार एक टिकट का फार्मूला गांधी परिवार पर लागू नहीं हाेगा।

Related Articles

Back to top button