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उत्तरप्रदेश
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एफआर खारिज थानाध्यक्ष व दारोगा समेत 5 पर चलेगा हत्या का मुकदमा

थाने के पूर्व एसएचओ श्यामवीर सिंह व दरोगा जितेंद्र सिंह चौहान समेत पांच लोगों को हत्या का आरोपी मानते हुए समन जारी कर दिए। सभी पर अब कस्टडी में हत्या का मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने सभी आरोपियों को दो दिसंबर को तलब किया है। इंस्पेक्टर श्यामवीर वर्तमान में शामली जनपद के झिंझाना थाने में तैनात हैं।


यह था मामला
ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र के गांव नौरसपुर निवासी मेनका त्यागी ने 12 जनवरी 2019 को कोर्ट के आदेश पर थाने में केस दर्ज कराया था। उनका कहना था कि 13 मई 2018 को थाने के पूर्व एसएचओ श्यामवीर सिंह व दरोगा जितेंद्र सिंह चौहान उनकी मां सरिता को पूर्व ग्राम प्रधान ललित की गाड़ी में डालकर थाने ले गए थे। इस दौरान ललित के परिवार का राजेश्वर व उसका बेटा सन्नी भी मौजूद था। मेनका त्यागी के मुताबिक पुलिस ने ललित के पिता की हत्या का जुर्म कबूल करने के लिए उनकी मां को हवालात में डालकर बेरहमी से पीटा और पानी मांगने पर बोतल में जहरीला पदार्थ भरकर पिला दिया। 14 मई को उनकी मां की मौत हो गई। पुलिस ने इंस्पेक्टर समेत सभी आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज किया था।


पुलिस ने जनवरी में लगा दी थी एफआर
मामले की जांच ट्रॉनिका सिटी पुलिस द्वारा की जा रही थी। आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत न होने का हवाला देते हुए पुलिस ने केस में एफआर लगा दी थी। इसी वर्ष जनवरी में फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी गई। मृतका की बेटी मेनका त्यागी ने वरिष्ठ अधिवक्ता खालिद खान के द्वारा सीजेएम कोर्ट में एफआर के खिलाफ याचिका दायर की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई कर एफआर को खारिज कर दिया।


हत्या के आरोपी बनाने के लिए कोर्ट ने मानें पर्याप्त आधार
अधिवक्ता खालिद खान ने बताया कि दिल्ली कोर्ट की मजिस्ट्रेट ने मृतका सरिता के पंचनामे में गंभीर शारीरिक चोटें लिखीं, जिनकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई। कॉलर बोन, पसली व अंदरूनी चोटों के अलावा मृतका के शरीर में ईथाइल जहर भी पाए जाने की जानकारी हुई। आरोप है कि इंस्पेक्टर श्यामवीर ने सभी सुबूत मिटाए और पुलिस ने मामला रफा-दफा करते एफआर लगा दी। खालिद खान ने बताया कि पंचनामा, पोस्टमार्टम व बिसरा रिपोर्ट में आई चोट व जहर को सीजेएम संदीप चौधरी की कोर्ट ने इंस्पेक्टर श्यामवीर सिंह, दरोगा जितेंद्र सिंह चौहान, पूर्व प्रधान ललित, राजेश्वर व सन्नी को जहर देकर हत्या करने व सुबूत मिटाने के मामले में आरोपी बनाने का पर्याप्त आधार माना है। इसी कड़ी में कोर्ट ने पांचों को समन जारी कर 2 दिसंबर को तलब किया है।


अब उक्त सभी आरोपियों को जाना पड़ सकता है जेल
कोर्ट के आदेश के मुताबिक इंस्पेक्टर श्यामवीर सिंह पर व अन्य आरोपियों पर हत्या का केस चलेगा। 2 दिसंबर को कोर्ट में पेश होकर उन्हें जमानत अर्जी दाखिल करनी होगी। कानूनविदों का कहना है कि हत्या का मामला होने के कारण जमानत मिलना मुश्किल है, लिहाजा आरोपियों को जेल जाना पड़ सकता है के पूर्व एसएचओ श्यामवीर सिंह व दरोगा जितेंद्र सिंह चौहान समेत पांच लोगों को हत्या का आरोपी मानते हुए समन जारी कर दिए। सभी पर अब कस्टडी में हत्या का मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने सभी आरोपियों को दो दिसंबर को तलब किया है। इंस्पेक्टर श्यामवीर वर्तमान में शामली जनपद के झिंझाना थाने में तैनात हैं।


दरअसल यह था मामला की
ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र के गांव नौरसपुर निवासी मेनका त्यागी ने 12 जनवरी 2019 को कोर्ट के आदेश पर थाने में केस दर्ज कराया था। उनका कहना था कि 13 मई 2018 को थाने के पूर्व एसएचओ श्यामवीर सिंह व दरोगा जितेंद्र सिंह चौहान उनकी मां सरिता को पूर्व ग्राम प्रधान ललित की गाड़ी में डालकर थाने ले गए थे। इस दौरान ललित के परिवार का राजेश्वर व उसका बेटा सन्नी भी मौजूद था। मेनका त्यागी के मुताबिक पुलिस ने ललित के पिता की हत्या का जुर्म कबूल करने के लिए उनकी मां को हवालात में डालकर बेरहमी से पीटा और पानी मांगने पर बोतल में जहरीला पदार्थ भरकर पिला दिया। 14 मई को उनकी मां की मौत हो गई। पुलिस ने इंस्पेक्टर समेत सभी आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज किया था।


पुलिस ने जनवरी में ही लगा दी थी एफआर और कर दी थी मामले की इतिश्री
मामले की जांच ट्रॉनिका सिटी पुलिस द्वारा की जा रही थी। आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत न होने का हवाला देते हुए पुलिस ने केस में एफआर लगा दी थी। इसी वर्ष जनवरी में फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी गई। मृतका की बेटी मेनका त्यागी ने वरिष्ठ अधिवक्ता खालिद खान के द्वारा सीजेएम कोर्ट में एफआर के खिलाफ याचिका दायर की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई कर एफआर को खारिज कर दिया।


हत्या के आरोपी बनाने के लिए कोर्ट ने मानें पर्याप्त आधार और एफआर को खारिज कर दिया
अधिवक्ता खालिद खान ने बताया कि दिल्ली कोर्ट की मजिस्ट्रेट ने मृतका सरिता के पंचनामे में गंभीर शारीरिक चोटें लिखीं, जिनकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई। कॉलर बोन, पसली व अंदरूनी चोटों के अलावा मृतका के शरीर में ईथाइल जहर भी पाए जाने की जानकारी हुई। आरोप है कि इंस्पेक्टर श्यामवीर ने सभी सुबूत मिटाए और पुलिस ने मामला रफा-दफा करते एफआर लगा दी। खालिद खान ने बताया कि पंचनामा, पोस्टमार्टम व बिसरा रिपोर्ट में आई चोट व जहर को सीजेएम संदीप चौधरी की कोर्ट ने इंस्पेक्टर श्यामवीर सिंह, दरोगा जितेंद्र सिंह चौहान, पूर्व प्रधान ललित, राजेश्वर व सन्नी को जहर देकर हत्या करने व सुबूत मिटाने के मामले में आरोपी बनाने का पर्याप्त आधार माना है। इसी कड़ी में कोर्ट ने पांचों को समन जारी कर 2 दिसंबर को तलब किया है।


जाना पड़ सकता है जेल
कोर्ट के आदेश के मुताबिक इंस्पेक्टर श्यामवीर सिंह पर व अन्य आरोपियों पर हत्या का केस चलेगा। 2 दिसंबर को कोर्ट में पेश होकर उन्हें जमानत अर्जी दाखिल करनी होगी। कानूनविदों का कहना है कि हत्या का मामला होने के कारण जमानत मिलना मुश्किल है, लिहाजा आरोपियों को जेल जाना पड़ सकता है|

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